नोटबंदी के 9 साल बाद 'डेड करेंसी' का धंधा, 3.85 करोड़ जब्त; रामपुर से दिल्ली तक छापेमारी तेज
साहिबाबाद पुलिस पुराने नोटों की अदला-बदली करने वाले गिरोह के सरगना की तलाश में दिल्ली और रामपुर में छापेमारी कर रही है। पुलिस ने 3.85 करोड़ रुपये के पुराने नोट बरामद किए हैं और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस नोटों के स्रोत और इस नेटवर्क के पीछे के लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

पुलिस ने 3.85 करोड़ रुपये के पुराने नोट बरामद किए हैं।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। पुराने नोटों की अदला-बदली में शामिल मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए पुलिस की टीमें दिल्ली और रामपुर में लगातार छापेमारी कर रही हैं। हाल ही में पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ कर 3.85 करोड़ रुपये के पुराने नोट बरामद किए थे। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनसे पूछताछ में पुलिस को कोई जवाब नहीं मिला है।
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि नोटों को इकट्ठा करने और ले जाने में शामिल आरोपियों को पकड़ लिया गया है, लेकिन वे सभी सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर वह नेटवर्क क्या है जिसके जरिए यह गिरोह इतने सालों बाद भी पुराने (चलन से बाहर) नोटों की अदला-बदली कर रहा था।
साथ ही, पुलिस इतनी बड़ी मात्रा में पुराने नोटों के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इस मामले में रामपुर निवासी मतलूब और फखरुद्दीन का नाम नोटों की अदला-बदली में सामने आया है। इसके अलावा, पुलिस ने एसके नाम के एक आरोपी की भी पहचान की है, जो कमीशन पर नोटों की अदला-बदली करता है। बताया जा रहा है कि मतलूब और फखरुद्दीन अपने नेटवर्क के जरिए विभिन्न राज्यों से पुराने नोट इकट्ठा करते हैं और एसके नाम के व्यक्ति के जरिए दिल्ली में उन्हें बदलते हैं।
पुलिस टीमें मतलूब और फखरुद्दीन की तलाश में रामपुर में छापेमारी कर रही हैं, और एसके की तलाश में दिल्ली के चांदनी चौक में भी छापेमारी जारी है। पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार दिल्ली के अलावा मुंबई और दूसरे देशों से भी जुड़े हो सकते हैं।
शालीमार गार्डन के एसीपी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ में जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनकी तलाश की जा रही है। आरबीआई से पुराने नोट बदलने की मौजूदा प्रक्रिया की जानकारी भी मांगी गई है।

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