हर दिन 12 लोग हो रहे साइबर ठगी का शिकार, हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत दर्ज कराएं शिकायत
आजकल साइबर अपराध बढ़ रहा है, जिसमें हर दिन लगभग 12 लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। यह एक गंभीर समस्या है, क्योंकि लोग अपनी मेहनत की कमाई खो रहे हैं। साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं। समय पर शिकायत दर्ज कराने से पुलिस को जांच करने और अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है।

हर दिन 12 लोग बन रहे साइबर ठगी के शिकार।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। डिजिटल युग में सुविधा के साथ खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण है जनपद में लगातार बढ़ते साइबर फ्राड के मामले। जनवरी से नवंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि जिले में अब तक 3899 लोग आनलाइन ठगी का शिकार हो चुके हैं। यानी हर दिन औसतन 12 लोग ठगों के जाल में फंस रहे हैं। बावजूद इसके, लोग साइबर सेल और बैंक की चेतावनियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
साइबर अपराधी अब पुराने तरीकों से आगे बढ़कर नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। कभी बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी और खाते की जानकारी मांग लेते हैं तो कभी लोन या इनाम का झांसा देकर पैसों की ठगी कर लेते हैं। वहीं, कुछ मामलों में निवेश और नौकरी के नाम पर भी लोगों को ठगा जा रहा है।
साइबर सेल के अनुसार, सबसे अधिक मामले मोबाइल एप और सोशल मीडिया के जरिये सामने आ रहे हैं। पुलिस विभाग का कहना है कि ठगी के ज्यादातर मामले लापरवाही का परिणाम हैं। चेतावनी और प्रचार-प्रसार के बावजूद लोग अजनबी लिंक पर क्लिक करते हैं, काल रिसीव करते हैं या अपने बैंक खाते की जानकारी साझा कर देते हैं।
कई मामलों में लोग ठगी की शिकायत दर्ज कराने में भी देर कर देते हैं, जिससे राशि वापस पाना मुश्किल हो जाता है। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।
किसी भी कॉल, लिंक या मैसेज पर भरोसा करने से पहले उसकी सत्यता जांचें। अगर ठगी हो भी जाए तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
ज्यादातर साइबर फ्राड लापरवाही और जागरूकता की कमी से हो रहे हैं। ठग अब तकनीक के साथ अपने तरीकों को बदल रहे हैं। लोग अजनबी काल, लिंक या मैसेज पर भरोसा कर बैठते हैं और ठगी का शिकार बन जाते हैं। हमारी अपील है कि कोई ऐसे काल, लिंक व मैसेज से बचें। -शिवाकांत मिश्रा, साइबर सेल प्रभारी।

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