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    नोनहरा थाने में पुलिस की पिटाई से दिव्यांग भाजपा कार्यकर्ता की मौत, 15 घंटे चला बवाल, छह निलंबित, पांच लाइन हाजिर

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:46 PM (IST)

    गाजीपुर के गठिया गांव में बिजली के खंभे लगाने के विरोध में धरने पर बैठे दिव्यांग भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की पुलिस पिटाई से मौत हो गई। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए मुआवजे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

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    नोनहरा थाने में पुलिस की पिटाई से दिव्यांग भाजपा कार्यकर्ता की मौत।

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। गठिया गांव में बिजली के खंभे लगाने के विरोध में नोनहरा थाने पर धरना के दौरान बर्बरता पूर्वक पुलिस पिटाई में घायल दिव्यांग भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उर्फ जोखू उपाध्याय निवासी चकरूकंदीपुर की मौत हो गई। धरनारत प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो लाठी चार्ज के दौरान भागते समय सियाराम उपाध्याय गिर गए, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने घेरकर लाठियां बरसाईं और लहूलुहान हालत में उनके घर के आगे फेंक गए।

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    उनका पूरा शरीर पिटाई से काला पड़ गया था। पुलिस पिटाई के बाद डर के कारण ठीक से उपचार भी नहीं हो पाया। कार्यकर्ता की मौत के बाद दिनभर पुलिस के खिलाफ गुस्सा फूटा। सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने करीब 15 घंटे तक लाश उठाने नहीं दिया। मांग थी कि नोनहरा थानाध्यक्ष समेत पूरे थाने के सिपाहियों को बर्खास्त करने के साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।

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    मुआवजा के साथ ही पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी मिले। सांत्वना जताने पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय को भी जनपद में बेलगाम पुलिस के अमानवीय व्यवहार पर ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। ग्रामीणों ने खूब खरी खोटी सुनाई। देर शाम पुलिस अधीक्षक डा. ईरज राजा के गांव पहुंचने पर भी उग्र भीड़ ने नारेबाजी की। एसपी ने थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित और पांच को लाइनहाजिर कर दिया। एसपी की पहल पर डीएम अविनाश कुमार ने मजिस्ट्रेटिल जांच के आदेश दिए हैं। डीआइजी वाराणसी वैभव कृष्ण के पहुंचने के बाद छह बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

    गठिया गांव के किसान ओंकार राय अपने खेत में बिजली का कनेक्शन लेकर ट्यूबवेल लगा रहे हैं। आरोप है कि पड़ोसी किसान अरविंद राय, संतोष राय के खेत की तरफ खंभे लगा दिए। मंगलवार को रात में तार खींचना शुरू किया तो पीड़ित किसानों संग पूर्व प्रधान व पूर्व छात्रनेता विकास राय ने नोनहरा थाने पहुंचकर इसकी सूचना दी। थानाध्यक्ष ने कार्रवाई नहीं की तो नाराज लोग धरने पर बैठ गए। समर्थन में भाजपा नेता व पूर्व छात्रनेता राजेश राय बागी भी पहुंचे थे।

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    आरोप है कि रात करीब डेढ़ बजे नोनहरा थानाध्यक्ष ने थाने की लाइट बंद कराकर भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर लाठियां बरसाईं। जिससे दिव्यांग कार्यकर्ता सियाराम उर्फ जोखू, राजेश राय बागी, मिंटू सिंह समेत काफी लोगों को गंभीर चोटें आई। भागते समय सियाराम उर्फ जोखू गिर गए, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने घेरकर पीटा। उनके सिर व शरीर के कई हिस्सों में चोट लगने से उसी दिन भोर में तबीयत बिगड़ गई। रात में लाठीचार्ज के बाद सुबह में पुलिस ने धरना देने वालों की तलाश में गांव में घेराबंदी की। इस वजह से सियाराम को बाहर उपचार के लिए नहीं ले जाया जा सका।

    निजी चिकित्सक के घर पर ही दवा दी जाती रही, जिस कारण गुरुवार की भोर में खून की उल्टी होने से मौत हो गई। दिव्यांग कार्यकर्ता की पुलिस पिटाई से मौत की जानकारी होते ही भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय, कृष्ण बिहारी राय, बृजेंद्र राय, भानुप्रताप सिंह, कृष्णबिहारी राय, पीयूष राय, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह समेत कई नेता पहुंचे और घरवालों के साथ ही ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किए लेकिन बात नहीं बनी।

    शाम तक शव दरवाजे पर ही पड़ा रहा। भीड़ उस समय भड़क गई, जब सांत्वना देने पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सियाराम उपाध्याय भाजपा के कार्यकर्ता थे, उनके निधन से दुख हुआ है। इस मामले में शासन-प्रशासन से सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। बताया कि दोनों पक्षों को बुलाकर विवाद में बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया गया था। थाने पर भाजपा का धरना नहीं था, क्योंकि अपनी सरकार में धरना नहीं दे सकते हैं। इतना सुनते ही ग्रामीण भड़क गए और भला-बुरा कहने के साथ ही नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ ही देर बाद एसपी का घटना को लेकर जारी बयान ने दोबारा तूल पकड़ लिया। जिस कारण पूरे दिन हंगामा होता रहा।

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