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    बिजली के विवाद में भाजपा नेताओं ने खींचा हाथ तो क्रूर हो गई खाकी, जानें घटना के पीछे का सच

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:52 PM (IST)

    गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम की मौत के बाद पार्टी और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस कार्रवाई से नाराज कार्यकर्ताओं ने धरना दिया जिस पर लाठीचार्ज हुआ। इस घटना के बाद भाजपा नेताओं की चुप्पी पर भी आक्रोश है। सोशल मीडिया पर ,नोनहरा_कांड ट्रेंड कर रहा है लोग भाजपा और जिलाध्यक्ष की आलोचना कर रहे हैं।

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    बिजली के विवाद में भाजपा नेताओं ने खींचा हाथ तो क्रूर हो गई खाकी।

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। नोनहरा के गठियां गांव में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम की मौत के लिए भाजपा और पुलिस दोनों कटघरे में है। अपनी ही सरकार में पुलिस के स्तर से सुनवाई न होने पर ही भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थक रात में धरना देने के लिए मजबूर हुए। पुलिस ने यह जानते हुए ही सभी लोग भाजपा के समर्थक व कार्यकर्ता है, उनकी एक नहीं सुनी।

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    उल्टे कासिमाबाद के नवागत सीओ शुभम वर्मा और थानाध्यक्ष बैकटेश तिवारी धरना देने वाले लोगों को बिजली विभाग का प्रकरण बताकर हटाने का दबाव डालते रहे। पुलिस अधिकारियों ने भी इस बात की पहल नहीं की कि 25 दिनों से चल रहे विवाद में दोनों पक्षों, बिजली विभाग और प्रशासन की मौजदूगी में इस विवाद का हल निकाला जाए।

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    उल्टे पुलिस के अधिकारियों ने एक व्यक्ति का पक्षकार बनकर लाठीचार्ज करा दिया। अगर भाजपा नेताओं ने दोनों पक्षों के विवाद को सुलझा दिया होता तो शायद बाद इतना आगे नहीं बढ़ती। दूसरी तरफ इतना ही नहीं लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने अगले दिन घायल कार्यकर्ताओं के घरों तक पहुंच गई। कई को हिरासत में भी लिया, लेकिन भीड़ के दबाव में रिहा कर दिया।

    लाठी चार्ज के बाद भी भाजपा के नेताओं ने मानो चुप्पी साध ली। कोई भी जनप्रतिनिधि या संगठन का पदाधिकारी घायलों की हाल लेने तो प्रकरण पर जुबान खोलने को तैयार नहीं था। पुलिस ने इसी का फायदा उठाते हुए घायलों को घरों से निकलने नहीं दिया। नतीजा यह रहा कि कोई भी घायल अस्पताल जाकर उपचार कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इस घटना के बाद दबी जुबान पुलिस के अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे थे।

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    नोनहरा थाना में चल रहे धरना और लाठीचार्ज को भाजपा मानने को तैयार नहीं थी। जिलाध्यक्ष का कहना था कि यह भाजपा का कोई धरना नहीं है। वही जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय सियाराम की मौत के शोक जताने जब उनके चकरुकुन्दीपुर गांव पहुंचे और सियाराम को भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता बताने लगे। वह इससे आगे कुछ बोल पाते कि ग्रामीणों के आक्रोश का शिकार हो गए।

    वहां उपस्थित कार्यकर्ता ने जिलाध्यक्ष को खूब खरीखोटी सुनाई, कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया, हालांकि वहां उपस्थित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने मामले को शांत कराया। गुरुवार की सुबह से लेकर शाम तक इंटरनेट मीडिया पर भाजपा और जिलाध्यक्ष की खूब फजीहत हुई। पुलिस के साथ ही भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ भी लोग आक्रोशित दिखे।

    इंटरनेट मीडिया पर हैसटैग नोनहरा कांड ट्रेंड करने लगा। सुबह से शाम तक हजारों पोस्ट प्रसारित हो रहे थे और सभी अपनी तीखी प्रतिक्रया व्यक्त कर रहे थे। राज्यसभा सदस्य संगीता बलवंत, एमएलसी विशाल सिंह चंचल, अभिनव सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, पूर्व विधायक सुनीता सिंह सहित सभी भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने इंटरनेट मीडिया पर सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू को भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

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    गाजीपुर: अपने ही सरकार में कार्रवाई की मांग को लेकर नोनहरा थाने में शांतिपूर्ण तरीके से धरने में बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों की बेरहमी से पिटाई से घायल सतीश उपाध्याय की मौत ने भाजपा को बैक फुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। घटना के बाद चुप्पी साधने वाले भाजपा संगठन के पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों को हर कोई कोस रहा है।

    जैसे ही कार्यकर्ता की मौत की जानकारी मिली लोग इंटरनेट मीडिया पर भाजपा को आड़े हाथों लेने लगे। भाजपा इस पूरे प्रकरण से दिनभर पीछा छुड़ाने में जुटे हैं। जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय घटनास्थल पर पहुंचे तो भीड़ ने उनके खिलाफ गुस्सा जताया और नारेबाजी शुरू कर दी।

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