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    वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर गोमती नदी के पुल की हुई सुरक्षा जांच, बाहर से आए व‍िशेषज्ञ

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 07:07 PM (IST)

    गाजीपुर ज‍िले में पुल को हुए नुकसान की बाबत जांच की जा रही है। वहीं गुरुवार को पुराने गोमती पुल के सभी सुरक्षा मानक जांचे जा रहे हैं। दूसरी ओर दिल्ली और भोपाल से भी बुलाई गई विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम जांच पड़ताल कर दुरुस्‍त करने के उपाय खोज रही है।

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    आइआइटी कानपुर की टीम ने क्रेन से किया बेयरिंग का गहन निरीक्षण।

    जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर)। वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर स्थित गोमती नदी के पुराने पुल की सुरक्षा को लेकर गहन तकनीकी जांच जारी है। दूसरे दिन गुरुवार को भी इस पुल पर आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहा। आइआइटी कानपुर की इंजीनियरिंग टीम एचएस सिंह के नेतृत्व में, विशेष उपकरणों की मदद से पुल के सभी ज्वाइंट्स (जोड़ों) पर लगे बेयरिंग की सघन जांच की।

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    हाइड्रोलिक क्रेन की सहायता से टीम ने पुल के नीचे उतरकर सभी आठ जोड़ों में लगे कुल 24 बेयरिंग्स की जांच कर वीडियो भी बनाया। इससे पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम ने भी पुल का निरीक्षण कर उसे हल्के वाहनों के लिए सीमित रूप से सुरक्षित बताया था।

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    60 साल पुराना पुल, बाद में बढ़ाई गई थी चौड़ाई

    यह पुल करीब 60 वर्ष पुराना पुल है। निर्माण के बाद गोमती नदी की धारा में बदलाव के चलते पुल की चौड़ाई को बढ़ाया गया था। कुल 400 मीटर लंबे इस पुल में सात प्लेटफार्म और आठ पिलर बनाए गए हैं। इन पिलरों पर तीन-तीन बेयरिंग के माध्यम से पुल की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। जेई अजीत कुमार पाल ने बताया कि पहले दरारों की जांच कर पुल को आंशिक रूप से खोला गया था, लेकिन बेयरिंग में कमजोरी की शिकायत के बाद इसे पुनः पूरी तरह से बंद कर दिया गया। अब सभी जोड़ों पर लगे बेयरिंग की मजबूती और स्थायित्व की जांच की जा रही है।

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    दिल्ली और भोपाल से आएंगे विशेषज्ञ, रिपोर्ट के बाद होगा फैसला

    आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के साथ-साथ अब भोपाल स्थित ब्रिज विशेषज्ञों से भी सलाह ली जाएगी। साथ ही दिल्ली से विशेषज्ञ इंजीनियरों की एक और टीम को जांच के लिए बुलाया गया है, जो शनिवार या रविवार को गोमती पुल का निरीक्षण कर सकती है। एनएच-31 पर यह पुल एक अत्यंत महत्वपूर्ण यातायात संपर्क है, इसलिए सभी सुरक्षा मानकों की गहराई से जांच करना आवश्यक है। पुल की वर्तमान स्थिति को लेकर कोई भी निर्णय इंजीनियरिंग रिपोर्ट्स के आधार पर ही लिया जाएगा।

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    एक लेन से जारी है वैकल्पिक आवागमन

    पुल बंद किए जाने के बाद, एनएच-31 की एक लेन को ही चालू रखा गया है। रजवारी टोल प्लाजा से सिधौना बाजार तक वाहनों का आवागमन फिलहाल उसी एक लेन से जारी है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी संभावित हादसे को टाला जा सके।

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