थाने में विधवा की बेरहमी से पिटाई करने वाले उपनिरीक्षक और कांस्टेबल निलंबित
गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाने में विधवा गुनिया देवी के साथ मारपीट के मामले में पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषी उपनिरीक्षक और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। गुनिया देवी को नाबालिग लड़की को भगाने में मदद करने के आरोप में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां उनके साथ मारपीट की गई। महिला ने पुलिस पर रात भर थाने में रखने और समझौते का दबाव डालने का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। करीमुद्दीनपुर के गंधपा निवासी विधवा गुनिया देवी को थाना बुलाकर पूछताछ के दौरान बेरहमी से पीटने का मामले में पुलिस अधीक्षक ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच में दोषी पाए गए उपनिरीक्षक और कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद एसपी ने सीओ मुहम्मदाबाद सुधाकर पांडेय से पूरे मामले की जांच करवाई। इसमें उपनिरीक्षक शाहिर सिद्दीकी और महिला कांस्टेबल अंकिता दोषी पाए, जिन्हें निलंबित कर दिया।
गुनिया के गांव का ही एक युवक नाबालिग को लेकर फरार हो गया था। आरोप था कि गुनिया देवी ने लड़की को भगाने में मदद की थी। इस सिलसिले में पुलिस ने महिला को पूछताछ के लिए थाना बुलाया।
गुनिया देवी का आरोप है कि उपनिरीक्षक शाहिर सिद्दीकी और महिला कांस्टेबल अंकिता ने उसे बेरहमी से पीटा, जिससे शरीर पर कई जगह चोट के कारण काला धब्बा पड़ गया है। जबकि गाल पर चोट इतनी गंभीर थी कि बोलने में भी परेशानी हो रही थी। गुनिया देवी ने बताया कि पुलिस उसे रात 11 बजे पकड़कर थाने लाई और सुबह छह बजे छोड़ा।
इसके अलावा, पुलिस ने समझौते का दबाव भी बनाया। गुनिया देवी ने स्पष्ट किया कि बिना न्याय मिले वह किसी समझौते पर सहमति नहीं देंगी। थानाध्यक्ष राजू दिवाकर ने बताया कि उच्चाधिकारियों की जांच में दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है।
मेडिकल के बाद इलाज की जिद पर अड़ी महिला
पुलिस की पिटाई में घायल गुनिया देवी को रविवार को राजकीय मेडिकल कालेज के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन वह अपना इलाज नहीं करवा रही है। उसका कहना है कि जबतक महिला पुलिस की देख-रेख में उसका मेडिकल नहीं हो जाएगा, तबतक वह कोई इलाज नहीं करवाएगी। अस्पताल के चिकित्सक और कर्मी किसी तरह समय-समय कुछ जरूरी दवा दे रहे हैं।
अस्पताल पहुंचकर सीओ ने की जांच
मुहम्मदाबाद सीओ सुधाकर पांडेय रविवार की शाम राजकीय मेडिकल कालेज के जिला अस्पताल पहुंचे। गुनिया देवी का इलाज के चिकित्सकों से उन्होंने वार्ता किया और क्या इलाज हो रहा है, इसके बारे में जानकारी ली। चिकित्सकों द्वारा उन्हें बताया गया कि महिला मेडिकल जांच के बाद ही इलाज कराने की जिद पर अड़ी है। सीओ ने इलाज की फाइलों को देखने के बाद चिकित्सा कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जांच में करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक और महिला कांस्टेबल दोषी मिले थे। जिसके आधार पर दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। -डा. ईरज राजा, पुलिस अधीक्षक।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।