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    गोरखपुर में दूरी बढ़ने से 66 और परिषदीय स्कूलों का विलय निरस्त, छात्रों की परेशानी के बाद फैसला

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 11:58 AM (IST)

    गोरखपुर में बीएसए ने 66 और प्राथमिक विद्यालयों का विलय रद्द कर दिया है। यह फैसला भौगोलिक दूरी और छात्रों की दिक्कतों को देखते हुए लिया गया। पहले 31 विद्यालयों का विलय रद्द हुआ था। विलय के बाद छात्रों को स्कूल जाने में परेशानी हो रही थी। अब तक कुल 97 विद्यालयों का विलय निरस्त किया जा चुका है जिससे छात्रों और अभिभावकों में खुशी है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शासन के निर्देश पर 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के विलय में मनमानी की शिकायतें मिलने व दूरी बढ़ने के कारण बीएसए ने जिले के 66 और प्राइमरी विद्यालयों के विलय का आदेश निरस्त कर दिया है।

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    विलय के बाद इनमें से कई स्कूलों की मानक से अधिक करीब दो से तीन किमी दूरी तक बढ़ गई थी। इससे ज्यादातर छात्रों से स्कूल जाना बंद कर दिया था, अभिभावक भी परेशान थे। इसके पहले बीएसए ने पहले चरण में 24 जुलाई को आदेश जारी कर 31 विद्यालयों का विलय निरस्त किया था। दो चरणों में अब तक 97 का निरस्त किया जा चुका है। अब सिर्फ 93 विद्यालय ही शेष हैं जिनका विलय होगा।

    जनपद में जून व जुलाई माह में 50 से कम छात्र संख्या होने पर बीईओ की संस्तुति पर कुल 190 विद्यालयों का विलय किया गया था, विलय के बाद कई विद्यालय छात्रों को नए स्कूल तक पहुंचने के लिए दो से तीन किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही थी। इससे न सिर्फ छात्रों की उपस्थिति प्रभावित हुई, बल्कि कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया था।

    शिक्षक संगठनों से लेकर अभिभावकों तक ने बीएसए कार्यालय को इसको लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी, जिनमें यह आरोप लगाया गया था कि विद्यालयों के विलय में दूरी की अनदेखी की गई और कई स्थानों पर मनमानी भी हुई है।

    66 विद्यालयों का विलय निरस्तीकरण के बाद और इनके दोबारा खुलने की खबर से सबसे अधिक खुशी छात्रों और उनके अभिभावकों को हुई है। शिक्षकों का भी कहना है कि विद्यालयों की दूरी कम होने से छात्रों की उपस्थिति में निश्चित रूप से सुधार होगा।

    भौगोलिक दूरी, छात्र नामांकन व स्थानीय आवश्यकता की जांच के साथ-साथ छात्र व अभिभावक हित को ध्यान में रखकर अधिक दूरी वाले 66 और विद्यालयों का विलय निरस्त कर दिया गया है। भविष्य में इसका ध्यान रखा जाएगा, ताकि किसी बच्चे को किसी भी तरह की असुविधा न हो सके।

    -रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए