औद्योगिक क्षेत्र में खाली पड़े भूखंडों का निरस्त होगा आवंटन, डीएम ने दिया निर्देश
गोरखपुर में औद्योगिक क्षेत्र में कई ऐसे भूखंड हैं जहां लगाई गई फैक्ट्री बंद हो चुकी है। जिलाधिकारी ने ऐसे भूखंडों की जांच करने का निर्देश उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक को दिए हैं। जल्द ही खाली पड़े भूखंडों की जांच की जाएगी।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखनाथ रोड पर विकसित औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से खाली पड़े भूखंडों का आवंटन निरस्त किया जाएगा। औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए आवंटित कराए गए इन भूखंडों पर लंबे समय से कोई गतिविधि नहीं हुई है। कई ऐसे भूखंड हैं, जहां लगाई गई फैक्ट्री बंद हो चुकी है। जिलाधिकारी ने ऐसे भूखंडों की जांच करने का निर्देश उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (यूपीएसआइडीसी) के क्षेत्रीय प्रबंधक को दिए हैं। जल्द ही यूपीएसआइडीसी की ओर से खाली पड़े भूखंडों की जांच की जाएगी।
डीएम ने किया था निरीक्षण
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने निरीक्षण के दौरान औद्योगिक क्षेत्र में कई फैक्ट्रियां बंद पाया था। उन्होंने यूपीएसआइडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक से उन भूखंडों के बारे में जानकारी मांगी। जिलाधिकारी से मिले चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजितसरिया, पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल आदि ने भी भूखंडों के बारे में जानकारी दी। जिलाधिकारी ने खाली भूखंडों पर चिंता जताई। कुछ भूखंडों से जुड़े प्रपत्र भी तलब किए। उन्होंने कहा कि लोग निवेश करने को तैयार हैं, ऐसे में जो औद्योगिक इकाई नहीं लगा रहा है, उसका आवंटन निरस्त होना चाहिए।
दूसरे लोगों को आवंटित होंगे भूखंड
यूपीएसआइडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक केएन श्रीवास्तव ने बताया कि जिलाधिकारी ने उन भूखंडों के बारे में जांच करने का निर्देश दिया है, जहां औद्योगिक इकाई संचालित नहीं हो रही है। जो भूखंड खाली हैं या जहां फैैक्ट्रियां लंबे समय से बंद हैं, उनकी जांच की जाएगी। आवंटन निरस्त होने के नियमों के दायरे में जो भी भूखंड आएंगे, उनका आवंटन निरस्त किया जाएगा। जल्द ही सभी भूखंडों का सत्यापन शुरू कर दिया जाएगा और रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
नहीं बदलेगा भू उपयोग
उद्यमियों की ओर से औद्योगिक क्षेत्र के भूखंडों का भू उपयोग न बदलने की मांग की गई। जिलाधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि औद्योगिक क्षेत्र का भू उपयोग नहीं बदला जा सकेगा। एसके अग्रवाल ने बताया कि शासन की ओर से 200 एकड़ जमीन औद्योगिक इकाइयों के लिए आवंटित की गई थी लेकिन कब्जा न मिल पाने के कारण 150 एकड़ जमीन जीडीए को दे दी गई। जीडीए ने कब्जा लेकर जमीन आवास विकास परिषद को दे दिया। केवल 50 एकड़ जमीन पर ही औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए आवंटन हो सका था।
औद्योगिक क्षेत्र में कुछ भूखंड खाली पड़े हैं और लंबे समय से कई फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं। इनकी वर्तमान स्थिति का सत्यापन करने को कहा गया है। जिन भूखंडों का उपयोग नहीं किया गया है, उनका आवंटन निरस्त कर नए निवेशकों को दिया जाएगा। - विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी।

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