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    फेसबुक पर की दोस्ती… टेलीग्राम पर जाल बिछाकर 7 लाख ठगे, शेयर मार्केट में मुनाफा दिलाने का झांसा देकर बनाया निशाना

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 04:52 PM (IST)

    गोरखपुर में एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव को साइबर ठगों ने फेसबुक और टेलीग्राम के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश का लालच देकर 7.70 लाख रुपये ठग लिए। शुरुआत में विश्वास जीतने के लिए थोड़ा मुनाफा भी दिया गया फिर 14 लेवल तक निवेश कराया। रकम निकालने की बारी आई तो और पैसे जमा करने की मांग की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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    फेसबुक पर की दोस्ती… टेलीग्राम पर जाल बिछाकर 7 लाख ठगे।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शाहपुर इलाके के एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) को फेसबुक और टेलीग्राम के जरिये साइबर ठगों ने अपने जाल में फंसा लिया। शेयर बाजार में बेहतर मुनाफा दिलाने का भरोसा देकर 7.70 लाख रुपये ऐंठ लिए। 

    जब रकम वापस करने की बारी आई, तो ठगों ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। पीड़ित की तहरीर पर साइबर अपराध थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।

    राप्तीनगर निवासी प्रसिद्ध नारायण सिंह ने पुलिस को बताया कि वह एमआर हैं। फेसबुक पर उनकी दोस्ती अनुष्का शर्मा उर्फ दिव्या आहुजा नामक लड़की से हुई। बातचीत के दौरान अनुष्का ने शेयर बाजार में निवेश करने का सुझाव दिया और भरोसा दिलाया कि इसमें बहुत अच्छा मुनाफा मिलेगा। 

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    शुरुआत में विश्वास जगाने के लिए उसने मात्र दो हजार रुपये एक वेबसाइट पर लगवाए। कुछ समय बाद मुनाफे की रकम खाते में भेज दी गई। इसके बाद अनुष्का ने उनकी बात राहुल भटनागर नाम के युवक से टेलीग्राम पर कराई। 

    राहुल ने उन्हें 14 लेवल तक रुपये लगाने की योजना बताई और हर लेवल पर मुनाफे का 30 प्रतिशत कमीशन खुद को देने के लिए कहा। धीरे-धीरे करके प्रसिद्ध नारायण ने कुल 7.70 लाख रुपये का निवेश करा लिया, लेकिन जैसे ही 14 लेवल पूरे हुए और उन्होंने अपनी पूरी रकम निकालने की बात कही, राहुल ने नया पेंच फंसा दिया। 

    उसने कहा कि अब उन्हें 5.80 लाख रुपये और जमा करने होंगे, तभी पूरी रकम उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके बाद जालसाजी की जानकारी हुई।

    साइबर थाने के विशेषज्ञ उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित से ली गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जिन बैंक खातों और यूपीआई आईडी पर रुपये भेजे गए हैं, उसकी जानकारी संबंधित बैंकों से मांगी गई है। तकनीकी जांच के आधार पर ठगों की लोकेशन और नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।