अब अपराधी नहीं बचेगा, फोरेंसिक साक्ष्य मिनटों में बताएंगे सच; CM योगी ने किया लैब का उद्घाटन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि अब अपराधियों का बचना मुश्किल होगा, क्योंकि फोरेंसिक जांच से अपराध की कड़ियां मिनटों में उजागर हो जाएंगी। नई लैब से पूर्वांचल के जिलों और नेपाल सीमा से जुड़े मामलों में मदद मिलेगी। यह आतंकवाद, साइबर अपराध और अन्य गंभीर मामलों की जांच में तेजी लाएगी, जिससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधुनिक लैब का उद्घाटन किया। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को 72.78 करोड़ रुपये की लागत से बनी उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि अब प्रदेश में अपराधी बचने का कोई रास्ता नहीं बचेगा। फोरेंसिक जांच अपराध की कड़ी को मिनटों में उजागर कर देगी और हर गंभीर मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
शास्त्री चौक स्थित लैब का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने छह मंजिला भवन का निरीक्षण किया और सभी यूनिटों- डिजिटल फोरेंसिक, साइबर फोरेंसिक, वॉइस एनालिसिस, बैलिस्टिक जांच, विस्फोटक विश्लेषण, दस्तावेज़ व रासायनिक जांच कार्यप्रणाली की जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अपग्रेडेड लैब अब मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, सर्वर और सीसीटीवी के डाटा की उन्नत रिकवरी करने में सक्षम है।
यह सुविधा आतंकवाद, धमकी, फर्जीवाड़ा, संगठित अपराध और साइबर अपराध की जांच को नई गति देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में प्रदेश में केवल चार फोरेंसिक लैब थीं, आज 12 हैं और छह नई स्वीकृत हो चुकी हैं। लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश की हर रेंज में अपनी फोरेंसिक लैब हो। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता 6,000 से बढ़ाकर 60,000 कर दी गई है, जो पूरे देश में रिकॉर्ड है। प्रदेश में एक लाख से अधिक सीसी कैमरों का नेटवर्क अपराध रोकथाम में मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों में सात वर्ष या उससे अधिक सजा वाले हर अपराध में फोरेंसिक जांच अनिवार्य है, इसलिए आधुनिक लैब की जरूरत और बढ़ जाती है। गोरखपुर की नई ए-ग्रेड लैब न केवल पूर्वांचल के जिलों—देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती की जरूरतें पूरी करेगी बल्कि नेपाल सीमा से जुड़े मामलों में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि लैब में स्थापित बैलिस्टिक यूनिट आग्नेय अस्त्रों की जांच को पहले से कहीं तेज बना देगी, जबकि विस्फोटक व रासायनिक विश्लेषण यूनिटें बम विस्फोट, आगजनी और रासायनिक अपराधों की तह तक पहुंचने में मदद करेंगी। वॉइस एनालिसिस यूनिट फिरौती, धमकी, उगाही और आतंकवाद से जुड़े काल की पुष्टि में अहम साबित होगी। गृह विभाग की इस परियोजना का निर्माण राजकीय निर्माण निगम ने पूरा किया है।
एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा ने कहा कि यह लैब गोरखपुर जोन के 11 जिलों को वैज्ञानिक जांच की मजबूत सुविधा देगी और अपराध का वैज्ञानिक विश्लेषण अब कोर्ट में मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करेगा। कार्यक्रम में सांसद रवि किशन,विधायक विपिन सिंह,महेंद्र पाल सिंह, विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ला, जिला अध्यक्ष जनार्दन तिवारी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एडीजी जोन मुथा अशोक जैन मौजूद रहे।

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