Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखधाम एक्सप्रेस में बैठने के लिए प्लेटफॉर्म पर लगी लाइन, जनरल कोचों में धक्का-मुक्की से यात्री परेशान

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 09:30 PM (IST)

    गोरखधाम एक्सप्रेस में सीट पाने के लिए यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्लेटफॉर्म पर लंबी कतारें लगी रहीं और जनरल कोचों में धक्का-मुक्क ...और पढ़ें

    Hero Image

    जनरल कोचों में पैर रखने की जगह नहीं।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कन्फर्म व वेटिंग आरक्षित टिकट नहीं मिलने पर दिल्ली जाने वाले अधिकतर यात्री जनरल टिकटों की तरफ भाग रहे हैं। लेकिन वहां भी धक्का-मुक्की करनी पड़ रही। जनरल टिकट लेने के लिए काउंटरों पर लंबी लाइन लगानी पड़ रही। किसी तरह जनरल टिकट मिल गया तो कोच में चढ़ने के लिए लाइन लगानी पड़ रही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शनिवार को रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट के लिए यात्रियों को धक्कामुक्की करनी पड़ी। दोपहर तीन बजे के आसपास काउंटरों के सामने खड़े लोगों का ठंड में भी पसीना छूट रहा था। महिला, बुजुर्ग और बच्चे परेशान थे। अब तो यह रोज की परेशानी हो गई है।

    गोरखधाम में सीट के लिए प्लेटफॉर्म नंबर नौ पर लंबी लाइन लगी थी। घंटों लाइन लगाने के बाद भी सभी यात्रियों को सीट नहीं मिल पाई। जनरल बोगियों में पैर रखने की जगह नहीं बच थी। लोग गैलरी और गेट पर खड़े होकर रवाना हुए।

    दिल्ली जाने वाले पूर्वांचल (गोरखपुर व बस्ती मंडल) ही नहीं बिहार व नेपाल के लोग भी परेशान हैं। ऐसा नहीं है कि गोरखपुर से दिल्ली के लिए और कोई ट्रेन नहीं है।

    बिहार के विभिन्न स्टेशनों से दिल्ली रूट पर ट्रेनें चल रही हैं। लेकिन वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति, सत्याग्रह और सप्तक्रांति आदि प्रमुख ट्रेनें पहले से ही फुल होकर गोरखपुर पहुंच रही हैं।

    इन ट्रेनों के जनरल कोचों में प्रवेश करना पहाड़ चढ़ने जैसा है। टिकट नहीं मिलने पर लोग दो गुणा अधिक किराया देकर प्राइवेट बसों से अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं।

    फुटओवरब्रिज पर बढ़ रहा लोड

    दरअसल, गोरखपुर जंक्शन का बीच वाला मुख्य फुट ओवरब्रिज टूट जाने के बाद यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्लेटफॉर्मों पर अचानक कई ट्रेनों के एक साथ आ जाने से पूर्व वाले फुट ओवरब्रिज पर क्षमता से अधिक लोड बढ़ जा रहा है। प्लेटफॉर्मों पर आवागमन कठित होता जा रहा है।

    निर्माणाधीन फुट ओवरब्रिज (एफओबी) की कार्य गति को देखकर नहीं लग रहा कि पांच साल में भी निर्माण पूरा हो पाएगा। फुट ओवरब्रिज को लेकर रेलवे प्रशासन की ऐसी ही उदासीनता रही तो कभी भी दुर्घटना हो सकती है।