गोरखपुर विश्वविद्यालय में नवंबर में सजेगा साहित्य, संस्कृति और कला का महाकुंभ; CM करेंगे उद्घाटन
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 1 से 9 नवंबर तक गोरखपुर पुस्तक महोत्सव का आयोजन होगा। नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से होने वाले इस नौ दिवसीय आयोजन में पुस्तकें, साहित्य, संस्कृति और कला का संगम होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करेंगे। महोत्सव में 200 पुस्तक स्टाल लगेंगे और प्रवेश निशुल्क होगा। 'आथर्स आफ गोरखपुर' कार्नर विशेष आकर्षण होगा।

गोरखपुर विश्वविद्यालय। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में एक से नौ नवंबर तक गोरखपुर पुस्तक महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उपक्रम नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के सहयोग से आयोजित इस नौ दिवसीय आयोजन में पुस्तकों के स्टाल के साथ साहित्य, संस्कृति, गीत-संगीत, कला और विचार-विमर्श के रंग-बिरंगे सत्र होंगे। आगंतुकों के लिए स्थानीय व्यंजनों पर आधारित आकर्षक फूड कोर्ट भी स्थापित किया जाएगा।
आयोजन की तैयारियों की समीक्षा को लेकर बुधवार को कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक एवं उनकी टीम के साथ बैठक की। कुलपति ने कहा कि यह पुस्तक महोत्सव केवल गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल का एक सिग्नेचर आयोजन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से यह आयोजन विश्वविद्यालय को नई सांस्कृतिक पहचान देगा। विश्वविद्यालय की टीम पूरी तैयारी के साथ कार्य कर रही है।
एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक ने बताया कि पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। आयोजन में लगभग 200 पुस्तक स्टाल लगाए जाएंगे। यह कार्यक्रम पूर्णतः निश्शुल्क रहेगा, जिसमें प्रवेश के लिए किसी प्रकार का टिकट नहीं लगेगा।
एनबीटी की टीम गोरखपुर के विद्यालयों और महाविद्यालयों में आउटरीच कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को आमंत्रित करेगी। प्रतिदिन सायंकाल सांस्कृतिक संध्या में लोकगीत, संगीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाएंगी। महोत्सव में ‘आथर्स आफ गोरखपुर’ नाम से एक विशेष कार्नर बनाया जाएगा, जिसमें गोरखपुर के लेखक अपनी पुस्तकों का प्रदर्शन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का भी प्रदर्शन करेगा।
यह भी पढ़ें- गोरखपुर जंक्शन के होल्डिंग एरिया में ही मिल जाएगा 'जनरल टिकट', यात्रियों को मिलेगी राहत
पुस्तक महोत्सव में विश्वविद्यालय की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
महोत्सव में विश्वविद्यालय के ललित कला और संगीत विभाग की केंद्रीय भूमिका रहेगी। महोत्सव का एक पूरा खंड ललित कलाओं को समर्पित होगा, जिसमें प्रतियोगिताएं और प्रदर्शनी आयोजित होंगी। एनएसएस और एनसीसी के छात्र स्वयंसेवक के रूप में महोत्सव संचालन में योगदान देंगे।
महोत्सव की डिजिटल पहचान को सशक्त बनाने के लिए स्थानीय इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को ब्रांड एंबेसडर के रूप में जोड़ा जाएगा। सर्वश्रेष्ठ रील और फोटो प्रदर्शनियों को सम्मानित किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।