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    सिस्टम पर सवाल: एक माह काम कराकर 12 दिन का कर वेतन भुगतान, रेलवे स्टेशन पर तैनात सफाईकर्मियों में आक्रोश

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:37 PM (IST)

    गोरखपुर जंक्शन पर निजी कंपनी के सफाई कर्मचारी कम वेतन और पीएफ के भुगतान न होने से परेशान हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन दिया जा रहा है और भविष्य निधि का लाभ भी नहीं मिल रहा है। शिकायत करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी श्रम प्रवर्तन अधिकारी से शिकायत कर रहे हैं।

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    शिकायत दर्ज कराने श्रम प्रवर्तन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे सफाई कर्मचारी। फोटो- स्वयं

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर जंक्शन पर संविदा पर तैनात निजी कंपनी के सफाईकर्मियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। उन्हें न समय से पूरा वेतन मिल रहा और न भविष्य निधि (पीएफ) का भुगतान किया जा रहा है। एक माह कार्य करने पर 12 दिन के वेतन का ही भुगतान हो रहा है।

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    शिकायत करने पर नौकरी से निकाले जाने की धमकी मिल रही है। इसको लेकर सफाई कर्मचारियों में आक्रोश है। वे लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका असर जंक्शन के साफ-सफाई पर पड़ रहा। परेशानी कर्मचारी फर्टिलाइजर कालोनी स्थित श्रम प्रवर्तन अधिकारी से मिलकर लिखित शिकायत कर रहे हैं। मंगलवार को भी करीब 30 कर्मचारियों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई।

    सीमा, टीना, रेशमा, गायत्री, रीना, रेनू, हरिवंश, अनीता और चंद्रावती आदि सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें नियमानुसार भविष्य निधि का लाभ नहीं दिया जा रहा है। निर्धारित दैनिक न्यूनतम मजदूरी 674 रुपये के स्थान पर मात्र 275 से 280 रुपये ही वेतन दिया जा रहा है।

    30 दिन कार्य करने के बाद केवल 8000 से 8200 मजदूरों के खाते में और लगभग रुपये 10,000 रुपये सुपरवाइजर को दिया जाता है। कार्य दिवस में भी हेराफेरी की जा रही है। मजदूरों से पूरे 30 दिन कार्य कराया जाता है, लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में केवल 12 दिन दर्ज कर भुगतान किया जाता है।

    शेष धनराशि कंपनी अपने लोगों के नाम दिखाकर निकाल लेती है। इसकी शिकायत महाप्रबंधक, प्रमुख मुख्य सतर्कता अधिकारी, मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर तथा प्रभारी स्वास्थ्य निरीक्षक से की गई है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही।

    आक्रोशित सफाई कर्मचारियों ने सात अगस्त को भी प्रदर्शन कर कार्य बहिष्कार किया था। प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर के बंगले का घेराव कर समय से पूरा वेतन और पीएफ का भुगतान कराने की गुहार लगाई थी। संबंधित रेल अधिकारियों के आश्वासन के बाद सफाई कर्मचारी काम पर वापस लौटे थे।