छात्र की हत्या के बाद गोरखपुर में 20 घंटे तक चला संग्राम, चार बार पुलिस पर हुआ पथराव
गोरखपुर के महुआचाफी गांव में तस्करों और ग्रामीणों के बीच झड़प के बाद तनाव बढ़ गया। ग्रामीणों ने तस्करों को घेर लिया लेकिन दीपक नामक युवक की हत्या से लोग आक्रोशित हो गए। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और सड़कों पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने गांव को घेर लिया है। मृतक के परिजनों ने तस्करों पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महुआचाफी सोमवार रात से मंगलवार शाम तक संग्राम झेला।तस्करों की गांव में आने की सूचना पर गांव के लोगों ने उन्हें घेर लिया। आधे घंटे तक चली जद्दोजहद के बीच ग्रामीणों ने पिकअप के साथ एक तस्कर को दबोच लिया।
उसके बाद अपहृत दीपक की तलाश में जुट गए।लेकिन जैसे ही दीपक की हत्या होने की खबर मिली पुलिस से टकरा गए। इसके बाद गांव के हर चौराहे पर बवाल, सड़क पर डटे लोग नारेबाजी व पथराव करने लगे। आक्रोशित भीड़ शहर की ओर जाने को आतुर थी।रोकने की कोशिश करने पर चार बार पुलिस पर पथराव हुआ।
गांव में मंगलवार पूरे दिन चर्चा यही रही कि आखिर तस्करों ने दीपक की हत्या क्यों की? लोग फुसफुसाते रहे कि हो न हो, दीपक ने तस्करों को पहचान लिया था इसी डर से उसकी हत्या कर दी गई।
यह आशंका भी जताई गई कि इलाके के ही कुछ लोग बिहार के तस्करों से जुड़े हैं। हाल ही में शाहपुर पुलिस ने मुठभेड़ में दो तस्करों को पकड़ा था, जिनमें से एक जंगल छत्रधारी का ही बताया जा रहा है, जिसके खिलाफ दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने रात में ही गांव को चारो तरफ से घेर लिया भट्ठा चौराहा के साथ ही शहर की ओर आने वाले हर रास्ते पर फोर्स तैनात कर दी गई। लाला बाजार, जंगल धूसण, डिग्री कालेज चौराहा, निषाद चौराहा, रेतवहिया, भट्ठा चौराहा, चौकी रेंज चौराहा पर बैरियर लगा दिया गया ताकि अगर शहर की तरफ कोई बढ़े तो उन्हें रोका जाए।
तोड़फोड़ व आगजनी न हो इसके लिए फायर ब्रिगेड के साथ ही दंगा नियंत्रण वाहन को बुला लिया गया। सुबह होते ही आक्रोशित भीड़ पुलिस की घेराबंदी तोड़कर भट्ठा चौराहा तक पहुंच गई।जाम लगाने के बाद पादरी बाजार जाने का प्रयास शुरू कर दिया लेकिन पुलिस ने तीन जगह बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोक दिया।
अधिकारी और फोर्स मौके पर खड़े रहे, पर गुस्से से भरी भीड़ शांत नहीं हो रही थी।दोपहर होते-होते हालात और बिगड़े। महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल लिया। सीओ खजनी कुमारी शिल्पा जब भीड़ को शांत कराने पहुंचीं, तो महिलाओं ने उनसे हाथापाई कर दी।
अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन माहौल इतना गरमा गया कि पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इस दौरान भीड़ ने चार बार पथराव किया। पथराव से गांव की गलियों में तनाव और बढ़ गया।सोमवार रात से मंगलवार शाम तक हर गली-कूचे में भीड़ जमा रही।
डीएम व एसएसपी के समझाने पर दुर्गेश गुप्ता ने पिपराइच पुलिस को तहरीर दी। तहरीर में लिखा कि गांव के बाहर नहर किनारे उनकी फर्नीचर की दुकान है, जहां उनके पिता खरभान और भांजा मोनू रहते हैं।
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सोमवार की रात 11:30 बजे मोनू ने देखा कि पिकअप और बोलेरो सवार लोग दुकान का शटर तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। शक होने पर मोनू जान बचाकर भागा और घरवालों को सूचना दी। सूचना मिलते ही बेटा दीपक, भाई वीरेंद्र और गांववाले पहुंचे।
तस्करों ने पथराव कर दिया, जिसमें वीरेंद्र और दीपक दोनों घायल हो गए। स्कूटी फिसलने से दीपक नहर किनारे गिरा तो तस्करों ने उसे खींचकर बोलेरो में डाल लिया।हत्या करने के बाद शव को सरैया में सड़क पर फेंक दिया।
होमगार्ड ने शव देख गुलरिहा पुलिस को दी सूचना:
रात करीब 1:30 बजे गुलरिहा थाना क्षेत्र के सरैया गांव से गुजर रहा जंगल छत्रधारी गांव का एक होमगार्ड लौट रहा था। सड़क पर खून से लथपथ पड़े युवक को देखकर उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिसकर्मी पहुंचे और दीपक को लेकर बीआरडी अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शव की पहचान न होने पर पुलिस ने फोटो खींचकर वाट्सएप ग्रुप में भेज दिया।इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई यह तस्वीर देख स्वजन और ग्रामीण सन्न रह गए। तलाश कर रहे लोग घटनास्थल की तरफ दौड़े और शव देखकर गुस्से से फट पड़े।
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