Gorakhpur Murder Case: पुलिस पर लापरवाही का आरोप, परिजन बोले- खोजते तो बच जाती दीपक की जान
गोरखपुर के पिपराइच में पशु तस्करों की गोली से दीपक गुप्ता की मौत के बाद ग्रामीणों ने भट्ठा चौराहा जाम कर दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते दीपक की जान गई। ग्रामीणों ने बताया कि तस्करों से झड़प के दौरान दीपक लापता हो गया था और डेढ़ घंटे बाद खून से लथपथ मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पिपराइच क्षेत्र के जंगल छात्रधारी गांव में सोमवार की रात पशु तस्करों की गोली से दीपक गुप्ता की मौत के बाद मंगलवार की सुबह माहौल पूरी तरह उग्र हो गया।
परिजनों और ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर भट्ठा चौराहा जाम कर दिया। आरोप है कि पुलिस देरी से पहुंची इसके बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अगर समय पर खोजबीन की जाती तो दीपक की जान बच सकती थी।
ग्रामीणों ने बताया कि तस्करों से झड़प के दौरान दीपक अचानक लापता हो गया था। लोग पूरी उसे ढूंढने में जुटे थे। करीब डेढ़ घंटे बाद वह खून से लथपथ सड़क किनारे मिला तब तक उसकी सांस थम चुकी थी।
अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। मंगलवार की सुबह गांव के लोगों को जानकारी हुई तो गोरखपुर-पिपराइच मार्ग पर पहुंचे।
जंगल धूसड़ की सभी दुकानें बंद कराने के साथ ही भट्ठा चौराहा जाम कर दिया। आवागमन ठप होने होने पर वाहनों को कुसम्ही की तरफ डायवर्ट कर दिया। जाम के चलते घंटों तक सैकड़ों वाहन फंसे रहे।
दीपक के पिता दुर्गेश गुप्ता ने कहा कि पुलिस की लापरवाही और तस्करों की साजिश से बेटे की मौत हुई है। उन्होंने एक करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
साथ ही घटना में शामिल सभी तस्करों की तत्काल गिरफ्तार करने को कहा। हालात बिगड़ने पर भट्ठा चौराहा पर पीएसी और चार थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। ग्रामीण गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग पर अड़े हैं। दीपक की मां सीमा का रो-रोकर बुरा हाल है।
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