Gorakhpur News: निलंबन खत्म करने का दबाव बना रहा जेई संगठन, नौ चिह्नित
गोरखपुर के गगहा में करंट लगने से एक बच्चे की मौत हो गई जिसके बाद जेई के निलंबन पर विवाद हो रहा है। जेई संगठन विजय शंकर को बहाल करने के लिए दबाव बना रहा है। एक्सईएन ने इस मामले में नौ जेई की सूची तैयार की है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम ने जांच की है और मुआवजे का निर्धारण रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गगहा में करंट से आठ वर्ष के हर्ष पासवान की मृत्यु के मामले में निलंबित अवर अभियंता (जेई) विजय शंकर को बहाल कराने के लिए अवर अभियंता संगठन पूरा जोर लगा रहा है। मंगलवार से ही संगठन कभी अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार का घेराव कर रहा है तो कभी कौड़ीराम खंड के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) संतोष तिवारी पर दबाव बना रहा है।
दबाव से आजिज एक्सईएन ने नौ जेई की सूची बना ली है। वह पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) शंभू कुमार से मुलाकात के बाद यह सूची चेयरमैन डा. आशीष गोयल को देंगे।
मझगांवा उपकेंद्र से जुड़े हाटा फीडर क्षेत्र में बड़गो गांव है। यहां सोमवार शाम आठ वर्षीय हर्ष पुत्र मृत्युंजय पासवान चचेरे भाई पांच वर्षीय अभिनव पुत्र अविनाश के साथ क्रिकेट खेल रहा था। शाम तकरीबन छह बजे गेंद गेट के सामने स्थापित पोल के पास गया।
अभिनव का शरीर अचानक पोल के स्टेक वायर में सट गया। इससे वह करंट की चपेट में आ गया। यह देख हर्ष उसे बचाने गया। उसने जैसे ही अभिनव को पकड़ा वह दूर जा गिरा लेकिन हर्ष बिजली की चपेट में आ गया।
इस मामले में एक्सईएन कौड़ीराम की रिपोर्ट पर जेई विजय शंकर को अधीक्षण अभियंता दिनेश कुमार ने उसी रात निलंबित कर दिया था। हाटा फीडर के निविदाकर्मी मिथिलेश व जोखन को बर्खास्त कर दिया गया था।
निलंबन की जानकारी के बाद से ही जेई संगठन विजय शंकर को बहाल करने की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि बिना जांच के ही विजय शंकर को निलंबित कर दिया गया है। जेई संगठन के सदस्यों का रुख देखकर अधीक्षण अभियंता को पुलिस की मौजूदगी में बैठक करनी पड़ी।
एक्सईएन संतोष कुमार ने कहा कि नौ जेई की सूची बना लिया हूं। इसकी जानकारी पहले एमडी को दूंगा। इसके बाद चेयरमैन से मुलाकात कर सूची दी जाएगी। बिजली निगम की लापरवाही से बच्चे की मृत्यु हुई है। हमारी सहानुभूति परिवार के साथ होनी चाहिए लेकिन कुछ लोग इसमें राजनीति कर रहे हैं। ऐसे लोगों की जानकारी उच्चाधिकारियों को देनी जरूरी हो गई है। ऐसे लोग जिले में रहेंगे तो व्यवस्था संभालने में दिक्कत होगी।
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विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम ने की जांच
शुक्रवार को विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम ने बड़गो गांव पहुंचकर जांच की। टीम के सदस्यों ने पोल से स्टेक वायर को देखा और घरों को जाने वाले केबल की स्थिति देखी। टीम की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाना है। अभियंताओं का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है।
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