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    'गैंगस्टर ही नहीं, अब धारा 107 में भी अपराधियों की संपत्ति जब्त होगी...', DGP ने दिया आदेश

    गोरखपुर पुलिस अब अपराधियों की अवैध कमाई पर शिकंजा कसेगी। डीजीपी के आदेशानुसार गैंगस्टर एक्ट के साथ धारा 107 के तहत अपराध से बनी संपत्ति जब्त होगी। रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई संपत्ति भी अपराध की कमाई मानी जाएगी। जमीन मकान के अलावा शेयर क्रिप्टो और बांड भी जब्त होंगे। विवेचक एसएसपी को ब्यौरा देंगे फिर न्यायालय के आदेश से जब्ती होगी।

    By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:58 AM (IST)
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    जब्त संपत्ति से पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा, 60 दिन के भीतर पूरी होगी प्रक्रिया। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पुलिस अब अपराधियों की कमाई पर भी सीधा वार करेगी। गैंगस्टर एक्ट के साथ-साथ भारतीय नागरिक संहिता (बीएनएस) की धारा 107 के तहत भी अपराध से अर्जित संपत्ति को कुर्क और जब्त किया जाएगा।

    डीजीपी राजीव कृष्णा ने इस संबंध में पत्र जारी कर सभी पुलिस आयुक्तों, एसएसपी और एसपी को निर्देशित किया है कि अपराधियों द्वारा बनाई गई चल-अचल और अमूर्त संपत्ति पर भी कार्रवाई हो।

    डीजीपी ने साफ किया है कि अपराधियों के नाम ही नहीं, बल्कि उनके रिश्तेदारों और करीबियों के नाम खरीदी संपत्ति भी अपराध से अर्जित मानी जाएगी। यानी अब अपराधी चोरी, डकैती, रंगदारी या अन्य अपराध से कमाए रुपये को छिपाने के लिए रिश्तेदारों, दोस्तों या सहयोगियों के नाम पर भी संपत्ति नहीं खरीद सकेंगे। पुलिस ऐसे मामलों को गैंग्सटर एक्ट के दायरे में लाकर संपत्ति जब्त कराएगी।

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    अभी तक पुलिस की कार्रवाई जमीन, मकान, बैंक खातों और वाहनों तक सीमित थी, लेकिन नए निर्देश में शेयर मार्केट के निवेश, क्रिप्टो करेंसी और बांड को भी संपत्ति जब्ती की सूची में शामिल किया गया है।

    जांच के दौरान विवेचक पहले यह ब्यौरा एसएसपी को देंगे कि आरोपित की संपत्ति अपराध से पहले कितनी थी और बाद में कितनी बढ़ी। अगर वह वैध स्रोत से संपत्ति की जानकारी नहीं दे सका तो न्यायालय में आवेदन दाखिल होगा।

    एसएसपी की अनुमति और न्यायालय के आदेश के बाद संपत्ति जब्त की जाएगी।इसके अलावा पुलिस आरोपी की आय और जीवनशैली की तुलना भी करेगी। यदि आरोपित का निवास, आलीशान मकान, लग्जरी वाहन या निवेश उसकी आय के अनुरूप नहीं पाया गया तो इसे अपराध की कमाई मानकर जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

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    60 दिन में पूरी होगी कार्रवाई :

    डीजीपी के आदेश में कहा गया है कि जब्त संपत्ति को 60 दिन के भीतर डीएम की अनुमति लेकर न्यायालय से आदेश प्राप्त कर पीड़ितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की जाए। इससे अपराधियों को आर्थिक रूप से तोड़ा जा सकेगा और पीड़ितों को राहत मिलेगी।

    पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब अपराधियों के खिलाफ केवल गिरफ्तारी या जेल भेजना ही नहीं, बल्कि उनकी गैर-कानूनी संपत्ति को जब्त कर आर्थिक रूप से भी पंगु बनाने की रणनीति अपनाई जाएगी। इससे अपराधियों की रीढ़ टूटेगी और कानून-व्यवस्था मजबूत होगी।