आप नेता की मौत मामला: गोरखपुर में अफवाह से भड़का गुस्सा तो बेकाबू हुई भीड़, इस मांग को लेकर अड़े थे लोग
गोरखपुर में आप नेता कुंज बिहारी की मौत के बाद अफवाहों ने माहौल बिगाड़ दिया। गुस्साए लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थर फेंके। परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। प्रशासन ने अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। मृतक के परिवार में शोक का माहौल है।

जागरण संवाददाता, चिलुआताल। आम आदमी पार्टी नेता कुंज बिहारी की मौत के बाद फैली अफवाह ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। सुबह से ही इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं चल रहीं थीं। किसी ने कहा कि अस्पताल प्रशासन आरोपितों से मिला हुआ है, तो किसी ने यह अफवाह उड़ा दी कि पुलिस आरोपितों को बचाने के लिए देर कर रही है।इंटरनेट मीडिया और मोबाइल फोन के जरिए फैली बात ने आग में घी का काम किया। देखते ही देखते अस्पताल के बाहर जुटी भीड़ बेकाबू हो गई।
परिजनों और मोहल्लेवालों का गुस्सा इस कदर बढ़ा कि उन्होंने न सिर्फ अस्पताल में तोड़फोड़ की, बल्कि पुलिस पर भी ईंट-पत्थर बरसा दिए। अचानक बिगड़े हालात ने पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी। मौके पर पहुंचे गोरखनाथ थाना प्रभारी शशिभूषण राय पर भीड़ ने ईंट से हमला कर दिया।
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, अफवाहें इतनी तेजी से फैलीं कि जिन लोगों को पूरा घटनाक्रम तक नहीं पता था, वे भी भीड़ में शामिल होकर नारेबाजी करने लगे। कई जगह से आवाजें उठीं कि आरोपितों के घर बुलडोजर चलना चाहिए और गिरफ्तारी में देरी नहीं होनी चाहिए।
हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन को भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात करनी पड़ी। सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की और अपील की कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।
उन्होंने साफ कहा कि पुलिस पूरी गंभीरता से आरोपितों की तलाश कर रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।शाम तक गांव और अस्पताल के आसपास का माहौल तनावपूर्ण बना रहा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अफवाह फैलाने वालों को चिह्नित किया जा रहा है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
महिलाएं चीख रहीं थी, सहमे खड़े थे बच्चे
रामपुर नयागांव में मंगलवार का दिन किसी काले साये की तरह उतरा। आप नेता कुंज बिहारी निषाद की मौत की खबर मिलते ही मोहल्ला कराह उठा। राजेंद्रनगर स्थित अस्पताल के बाहर धीरे-धीरे भीड़ जमा होने लगी। महिलाएं चीत्कार कर रही थीं, बच्चे सहमे खड़े थे और युवाओं की आंखों में गुस्सा साफ झलक रहा था। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि पुलिस को एहतियातन बैरिकेडिंग करनी पड़ी।
कुंज बिहारी की पत्नी रिंकी देवी अपने बेटे रेहांस और बेटी दिव्यांशी को सीने से लगाए बार-बार बेसुध हो जा रही थीं। छह साल का रेहांस बिलखते हुए पूछ रहा था-पापा कब आएंगे? जबकि आठ साल की दिव्यांशी मां का आंचल पकड़कर सुबक रही थी। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग भी आंसू पोंछते नजर आए।
वार्ड नंबर 14 से आम आदमी पार्टी के टिकट पर पार्षद चुनाव लड़ चुके कुंज बिहारी की मौत की जानकारी जैसे ही पार्टी नेताओं तक पहुंची, घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया। बड़ी संख्या में स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे। भीड़ में आवाजें गूंजने लगीं-हत्यारों के घर बुलडोजर चलना चाहिए, वरना सड़कों पर उतरेंगे।
परिजनों और भीड़ का कहना था कि जब तक आरोपित गिरफ्तार नहीं होंगे, शव नहीं उठेगा।गोरखनाथ पुलिस और आसपास के थानों की फोर्स मौके पर जुट गई। शाम को पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर लाया गया तो पूरा इलाका गमगीन हो गया। पिता रामचंद्र निषाद और बड़े भाई मनोज निषाद का भी रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए और हर कोई यही कह रहा था कि इतनी कम उम्र में घर का सहारा चला गया।
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दो भाइयों में छोटा था, छह वर्ष पूर्व हुई थी शादी
कुंज बिहारी निषाद दो भाइयों में छोटे थे। बड़े भाई मनोज निषाद ग्रीन सिटी के पास गिट्टी-बालू का कारोबार करते हैं। पिता रामचंद्र खेती-बारी से परिवार चलाते हैं। परिजनों के अनुसार, हिमालय पांडेय के घर मकान का काम चल रहा था और एक लाख रुपये का बकाया था। पहले कुंज बिहारी का साला हेमंत उर्फ मल्लू रुपये लेने गया तो उसे भगा दिया गया।
अगले दिन जब कुंज बिहारी खुद पहुंचे तो लाठी-डंडे से हमला कर घायल कर दिया गया। गंभीर चोट के चलते इलाज के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई। कुंज बिहारी की शादी वर्ष 2016 में हुई थी। पत्नी रिंकी देवी के साथ उनका छह साल का बेटा रेहांस और आठ साल की बेटी दिव्यांशी है। उनकी असमय मौत से परिवार और पूरा गांव सदमे में डूब गया है।
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