गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज का हाल, ईको जांच कराने के लिए रोगियों को जाना पड़ रहा आठ किमी दूर
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ईको मशीन खराब होने के कारण मरीजों को जांच के लिए आठ किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। इंजीनियरों के अनुसार, मशीन का एक महत्वपूर्ण पार्ट खराब हो गया है, जिसे विदेश से मंगवाया जाना है। प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही मशीन को ठीक कराकर जांच दोबारा शुरू की जाएगी।

दो माह से ईको मशीन खराब, सुविधा के अभाव से बढ़ी रोगियों की परेशानी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली एक बार फिर रोगियों पर भारी पड़ रही है। दिल से संबंधित बीमारियों की जांच के लिए आवश्यक ईको मशीन पिछले दो माह से खराब पड़ी है। इससे ओपीडी और वार्ड में भर्ती रोगियों को आठ किमी दूर शहर के बीच में निजी कार्डियोलाजी केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। सुविधा के अभाव में गंभीर रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। तीमारदारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। उन्हें वाहन बुक कर रोगियों को ईको जांच कराने के लिए ले जाना पड़ रहा है।
ईको मशीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में स्थापित है। पूरे मेडिकल कालेज में केवल एक मशीन है। इसी मशीन पर बीआरडी के नेहरू अस्पताल व सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में पहुंचने वाले रोगियों का भार है। कार्डियोलाजी ओपीडी में प्रतिदिन बड़ी संख्या में रोगी पहुंचते हैं। इनमें से कई ऐसे होते हैं जिनकी स्थिति का मूल्यांकन बिना ईको जांच के संभव नहीं। नेहरू अस्पताल के मेडिसिन विभाग के ओपीडी में पहुंचने वाले व वार्डों में भर्ती अनेक रोगियों के लिए भी ईको जांच जरूरी होती है।
ऐसे रोगियों को जांच के लिए बाहर भेजना पड़ रहा है। तीमारदारों का कहना है कि उन्हें निजी वाहनों की व्यवस्था करनी पड़ती है। कई रोगियों को स्ट्रेचर या ह्वीलचेयर समेत निजी गाड़ियों में ले जाना पड़ रहा है। गंभीर रोगियों को आठ किमी दूर ले जाना और लेना भी उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। पिपराइच के रामहरख ने बताया के उनका रोगी मेडिकल कालेज में भर्ती है।
डॉक्टर ने ईको जांच के लिए लिखा था। यहां मशीन खराब होने से रोगी को लेकर बेतियाहाता जाना पड़ा। वहां भी भी एक घंटे बैठे रहे, इसके बाद ईको जांच हुई। मोगलहा के रामनिवास अपनी पत्नी को भर्ती कराए हैं। उनकी सांस फूल रही है। डॉक्टर ने उन्हें ईको जांच कराने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि बाहर जाकर जांच करानी पड़ी। अनावश्यक खर्च भी करना पड़ा। बीआरडी में मात्र पांच सौ रुपये में जांच हो जाती है, बाहर दो हजार रुपये लगे। रोगियों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
इंजीनियर को बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि ईको मशीन का एक महत्वपूर्ण पार्ट खराब हो गया है, जिसे विदेश से मंगाना है। प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही मशीन को ठीक कराकर जांच शुरू करा दी जाएगी।
-डा. भूपेंद्र शर्मा, नोडल अधिकारी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

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