75 क्षय रोगियों को गोद लेगा गोरखपुर विश्वविद्यालय, उत्तरदायित्व कार्यक्रम होगा आयोजित
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय क्षय रोग उन्मूलन में योगदान देगा। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर उत्तरदायित्व कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। विश्वविद्यालय 75 क्षय रोगियों को गोद लेगा और शिक्षकों को उनकी देखभाल का जिम्मा सौंपा जाएगा। संयुक्त राष्ट्र ने क्षय रोग उन्मूलन का लक्ष्य 2030 रखा है जबकि भारत का लक्ष्य 2025 है। विश्वविद्यालय समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय क्षय रोग उन्मूलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने जा रहा है। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्मतिथि पर उत्तरदायित्व कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा 75 क्षय रोगियोंं को गोद लिया जाएगा। उनकी देखरेख का उत्तरदायित्व अलग-अलग शिक्षकों को सौंपा जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए शिक्षकोंं से अनुरोध करेगा।
इसकी जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दुनिया को क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य 2030 निर्धारित किया है जबकि प्रधानमंत्री ने भारत को इस रोग से मुक्त करने का लक्ष्य इससे पांच वर्ष पूर्व 2025 रखा है।
प्रधानमंत्री जी का स्पष्ट संदेश है कि क्षय रोग से लड़ाई केवल दवा और उपचार तक सीमित नहीं है। इसमें समाज का हर वर्ग शामिल हो, तभी हम इसे जड़ से समाप्त कर पाएंगे।
प्रो. टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय का वास्तविक दायित्व केवल ज्ञान का संवहन करना ही नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को निभाना भी है। क्षय रोग उन्मूलन हेतु यह कार्यक्रम हमारे विश्वविद्यालय परिवार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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उत्तरदायित्व कार्यक्रम की यह होगी रूपरेखा
- प्रत्येक विभाग में 30 मिनट का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।
- राजभवन के आइटी प्रकोष्ठ द्वारा तैयार क्षय रोग के प्रभाव, दुष्परिणाम, रोकथाम एवं बचाव संबंधी लघु फिल्म का प्रदर्शन किया जायेगा।
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