Vande Bharat Train: नई वंदे भारत ट्रेनों के लिए अभी करना होगा इंतजार, यह काम बन रहा बाधा
गोरखपुर से प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेनों के संचालन में अनुरक्षण कार्य बाधा बन गया है। ओल्ड वाशिंग पिट के नवीनीकरण के बाद ही ट्रेनों की साफ-सफाई हो पाएगी। गोरखपुर कोचिंग डिपो ने अनुरक्षण के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं क्योंकि वर्तमान पिट फुल है। नए डिपो के निर्माण में भी समय लगेगा जिससे कई रूटों पर वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर से नई सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेनों के लिए अभी इंतजार करना होगा। गोरखपुर-आगरा ही नहीं गोरखपुर-बनारस और गोरखपुर-नई दिल्ली आदि प्रस्तावित नई वंदे भारत ट्रेनों की राह में भी 'अनुरक्षण' कार्य रोड़ा बन गया है।
अब ओल्ड वाशिंग पिट के नवनिर्माण के बाद ही वंदे भारत को साफ-सफाई की सुविधा मिल पाएगी। साफ-सफाई और मरम्मत की हरी झंडी के बाद ही नई वंदे भारत ट्रेनों का संचालन संभव हो पाएगा।
दरअसल, गोरखपुर से प्रयागराज और पाटलिपुत्र के बीच दो वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। इन दोनों का अनुरक्षण कार्य न्यू वाशिंग पिट पर शनिवार को हो रहा है। सिर्फ पिट संख्या एक पर ही विद्युतीकरण है। ऐसे में दूसरी पिट संख्या पर वंदे भारत का अनुरक्षण नहीं हो सकता। अन्य दिनों में दूसरी प्रमुख ट्रेनों का अनुरक्षण होता है।
यानी, न्यू वाशिंग पिट पहले से ही पूरी तरह फुल है। ओल्ड वाशिंग पिट पिछले दो माह से निर्माण कार्य के चलते बंद है। पिट संख्या एक और दो को वंदे भारत के अनुरक्षण के लिए तैयार किया जा रहा है। पिट बंद होने से कई प्रमुख ट्रेनों का अनुरक्षण दूसरे स्टेशनों से हो रहा है।
ऐसे में गोरखपुर कोचिंग डिपो ने नई वंदे भारत ट्रेनों के अनुरक्षण के लिए हाथ खड़े कर लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि ओल्ड वाशिंग पिट के निर्माण के बाद भी अनुरक्षण कार्य शुरू हो पाएगा। इसमें कम से कम छह माह का समय लगेगा।
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वंदे भारत के लिए नए डिपो के निर्माण में भी अभी कई साल लगेंगे। अभी तो रेलवे बोर्ड ने ही डिपो निर्माण की अनुमति प्रदान नहीं की है। ऐसे में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन का विभिन्न रूटों पर नई वंदे भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया है।
आने वाले दिनों में मुख्यालय गोरखपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख रूटों पर अब वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जाएगी। गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के अलावा वाराणसी के रास्ते प्रयागराज सहित कुल सात वंदे भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है।
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