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    UP में दफ्तरों और स्कूलों में बिना हेलमेट के प्रवेश पर रोक, प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 02:26 PM (IST)

    गोरखपुर में सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग सख्त हो गया है। हेलमेट को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं जिसके तहत अब कार्यालयों और स्कूलों में भी हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। नो हेलमेट-नो फ्यूल अभियान के तहत बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलेगा। पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर चालान कर रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

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    शासन स्तर से जारी किया गया आवश्यक दिशा-निर्देश। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सड़क सुरक्षा अभियान के तहत मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग ने सख्ती बढ़ानी शुरू कर दी है। 'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अभियान के साथ परिवहन विभाग ने अब सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों के कार्यालयों और स्कूलों में भी हेलमेट अनिवार्य कर दिया है।

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    दफ्तरों व स्कूलों में भी बिना हेलमेट के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दफ्तरों में न कर्मियों को प्रवेश मिलेगा और स्कूलों में छात्र ही नहीं शिक्षक, कर्मचारी तथा अभिभावकों को भी प्रवेश की अनुमति रहेगी। शासन स्तर से इसको लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।

    शासन के निर्देश पर गोरखपुर संभाग में एक सितंबर से ही 'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अभियान चल रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारी पुलिस, खाद्य व अन्य विभाग से समन्वय स्थापित कर पेट्रोल पंपों और दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चला रहे हैं।

    सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार और नरेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में गोरखपुर जनपद में सिर्फ नौ दिन में बिना हेलमेट के आरोप में 378 मोटरसाइकिल का चालान किया है। गोरखपुर संभाग में 799 के खिलाफ कार्रवाई हुई है। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) संजय कुमार झा बताते हैं कि पेट्रोल पंपों पर 'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अभियान का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है।

    कार्रवाई के साथ चालकों को हेलमेट का उपयोग करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। पेट्रोल पंप संचालकों और उनके मैनेजरों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे प्रत्येक मोटरसाइकिल सवार को बिना हेलमेट के आने पर पेट्रोल ना दें।

    मोटरसाइकिल सवार को बाध्य करें कि वह हेलमेट पहन कर पेट्रोल भराने आएं। शासन के दिशा-निर्देश पर एक से 30 सितंबर तक सघन अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक जनवरी से 30 जून तक बिना हेलमेट के 4392 दो पहिया वाहनों का चालान कटा है।

    इसके अलावा बिना सीटबेल्ट के 5012, मोबाइल से बात करते हुए वाहन चलाते 459, नशे में वाहन चलाने पर 28 और गलत दिशा में वाहन चलाते 81 मामले पकड़े गए हैं। बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहनों से सर्वाधिक दुर्घटनाएं दस थाना क्षेत्रों में हुई हैं।

    थाना क्षेत्र सहजनवां, गीडा, रामगढ़ताल, एम्स, खोराबार, चौरीचौरा, बड़हलगंज, गगहा, कैंट एवं चिलुआताल में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इन थाना क्षेत्रों में सर्वाधिक दुर्घटनाएं सहजनवां और गीडा थाना के घटनाएं एनएच-27 पर हुई हैं।

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    आरटीओ के इंटरनेट मीडिया ग्रुपों पर मुख्यमंत्री का संदेश

    मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग (आरटीओ) इंटरनेट मीडिया के अपने अधिकृत ग्रुपों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश प्रसारित कर रहा है। मुख्यमंत्री अपने संदेश में कह रहे हैं कि कानून ही संरक्षण व सुरक्षा का आधार बनता है।

    जब कहते हैं कि हेलमेट पहने, सीटबेल्ट का उपयोग करें तो लोगों को अच्छा नहीं लगता। लेकिन, हेलमेट व सीटबेल्ट ही लोगों की जान बचाती है। प्रदेश में 'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अभियान चल रहा है। इसमें पेट्रोल पंप मालिकों को फायदा नहीं है। यह मोटरसाइकिल चलाने वाले लोगों के हित में है। बाइकर्स की सुरक्षा के लिए है।