Gorakhpur Zoo: नाइट सेल से क्राल में छोड़े गए हिमालयन काले भालू, दर्शकों के लिए जल्द बाड़े में छोड़े जाएंगे
चिड़ियाघर में वन्य जीव को जब लाया जाता है तो क्वारंटाइन प्रक्रिया के तहत उसे कुछ दिन नाइट सेल में रखा जाता है। इसी के तहत कानपुर व लखनऊ प्राणि उद्यान ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर और लखनऊ प्राणि उद्यान से तीन अक्टूबर को लाए हिमालयन भालू के जोड़े को क्राल (बड़ा पिजड़ा) में छोड़ दिया गया। अब तक यह भालू स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान के नाइट सेल में रखे गए थे। दर्शकों के अवलोकनार्थ 22 अक्टूबर को इन भालुओं को बाड़े में छोड़ देने की योजना चिड़ियाघर प्रशासन ने बनाई है।
नाइट सेल में रखे जाते हैं वन्य जीव
प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया की किसी भी वन्य जीव को जब चिड़ियाघर में लाया जाता है तो क्वारंटाइन प्रक्रिया के तहत उसे कुछ दिन नाइट सेल में रखा जाता है। इसी क्रम में उन्हें चार से छह दिन तक क्राल में रखने के बाद बाड़े में छोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि वन्य जीव अचानक स्थान परिवर्तन की वजह से परेशान होकर बीमार न हो और नए स्थान में रहने के लिए ढल जाए। इसी क्रम में दूसरी प्रक्रिया के तहत दोनों भालुओं को क्राल में रखा गया है।
नर भालू वीरू ने चाव से खाया गन्ना
डॉ. योगेश ने बताया कि दोनों भालू क्राल में जाने के बाद प्रसन्नचित्त नजर आए। मादा भालू शालिनी ने घूम-घूम कर क्राल का निरीक्षण किया जबकि नर भालू वीरू ने छोटे-छोटे पेड़ों को तोड़ डाला। जब ध्यान बंटाने के लिए उसे गन्ना दिया गया तो उसने उसे चाव से खाया।
क्या कहते हैं अधिकारी
चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. एस. राजामोहन ने बताया कि दीपावली से दो दिन पहले यानी 22 अक्टूबर को दोनों हिमालयन काले भालू दर्शकों के अवलोकन के लिए बाड़े में छोड़ दिए जाएंगे। इस तिथि के चयन की वजह उन शहीद अशफाक उल्ला खां का जन्मदिन है, जिनके नाम से चिड़ियाघर को जाना जाता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।