गोरखपुर में बहन के नाम पर भावुक हुए आकाशदीप, बोले- हमेशा बढ़ाया हौसला
तेज गेंदबाज आकाशदीप ने एजबेस्टन की जीत अपनी बहन को समर्पित की जो कैंसर से जूझ रही हैं। उन्होंने रोहित शर्मा और विराट कोहली को अपना आदर्श बताया जिनसे उन्होंने अनुशासन सीखा। आकाशदीप का टीम इंडिया तक का सफर संघर्षों से भरा रहा। गेंदबाज मुकेश कुमार ने मो. शमी से प्रेरणा लेने की बात कही और आकाशदीप के साथ आईपीएल में एक टीम में खेलने की इच्छा जताई।

प्रभात कुमार पाठक, जागरण गोरखपुर। भारतीय टीम के युवा तेज गेंदबाज व एजबेस्टन टेस्ट मैच के हीरो आकाशदीप ने एजबेस्टन की जीत कैंसर से जूझ रही अपनी बड़ी बहन को समर्पित किया था। उस क्षण को याद कर गुरुवार को एक बार फिर आकाशदीप भावुक हो गए।
उन्होंने कहा कि जिस मैदान पर भारत ने एक भी टेस्ट नहीं जीता है वहां जीतना टीम के साथ-साथ मेरे लिए बड़ी उपलब्धि थी। मैं अपनी बड़ी बहन के चेहरे पर खुशी देखना चाहता हूं, क्योंकि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में मेरा हौसला बढ़ाया और हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। इसलिए मैंने यह जीत उन्हें समर्पित कर दिया।
वह गुरुवार को भारतीय क्रिकेटर व दाएं हाथ के मध्यम-तेज गेंदबाज मुकेश कुमार के साथ दाउदपुर में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान जागरण से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने टीम के दो दिग्गज खिलाड़ियों पूर्व कप्तान रोहित शर्मा व विराट कोहली को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि आज वह दोनों जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचना हर खिलाड़ी का सपना होता है।
टीम में रहते हुए मैंने उनसे काफी कुछ सीखा। एक खिलाड़ी के लिए अनुशासन व समयबद्धता काफी मायने रखता है, यह हमने उन्हीं से सीखा। आज टीम में उनकी कमी हर भारतीय को खल रही है।
रोहित व विराट की कप्तानी व शुभमन गिल की कप्तानी में कितना अंतर पाते हैं, इस सवाल पर आकाशदीप ने कहा कि हर कप्तान को अपनी टीम को मैनेज करने व प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध रणनीति अपनाने का अलग तरीका होता है। गिल एक प्रतिभावान खिलाड़ी हैं और उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी बतौर कप्तान अच्छी बल्लेबाजी कर अपनी टीम को जीत दिलाई, जो युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।
सासाराम से टीम इंडिया तक का सफर
बिहार के देहरी, सासाराम के रहने वाले भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज आकाशदीप का टीम इंडिया तक का सफर संघर्षों से भरा रहा है। बचपन से ही क्रिकेट में अपना करिअर बनाने का सपना संजाेने वाले आकाशदीप को काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा।
आकाशदीप बताते हैं कि बचपन में उनके पास कोई ऐसा मंच नहीं था, जिसकी बदौलत वह अपने खेल में निखार लाएं। एक समय ऐसा आया जब पड़ोसियों तक ने भी अपने बच्चों को आकाश से दूर रहने की सलाह दी थी, ताकि उनके बच्चे पढ़ाई छोड़ क्रिकेट की राह पर न चले जाएं।
2019 में बंगाल के लिए टी-20 से डेब्यू करने वाले आकाशदीप बताते हैं कि हर पिता की तरह उनके पिता भी चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी करे, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। मैं अक्सर छिप-छिपकर क्रिकेट खेला करता था। बाद में घर चलाने के लिए क्रिकेट ही हमारा सहारा बना।
खुद की गेंदबाजी देख दूर करता हूं कमियां
भारतीय टीम के मध्यम-तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने बातचीत के दौरान कहा कि मैं आज खेल के बाद अपनी गेंदबाजी देखता हूं और कमियों को दूर करने का प्रयास करता हूं।
तेज गेंदबाज मो.शमी से तुलना करने पर वे कहते हैं कि उनके जैसा बनना मेरे गर्व की बात होगी। उनसे मैंने गेंदबाजी में काफी कुछ सीखा है। आज यदि मेरी गेंदबाजी में धार देखने को मिलती है तो उसमें मेरा परिश्रम उनके सुझाव का बड़ा योगदान है।
वे कहते हैं कि मैं और आकाश खुद को लकी मानते हैं कि हमें विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ खेलने का मौका मिला। उनकी मेहनत, तैयारी और मैच के प्रति पैंशन हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करता है। जब हम दोनों इंडिया के लिए खेलते हैं तो एकजुट होकर प्रतिद्वंदी टीमों को हराने के लिए गेंदबाजी करते हैं। जब आइपीएल में आमने-सामने हाेते हैं, तो खेल का आनंद लेते हैं। मैच के बाद एक-दूसरे की गेंदबाजी की कमियां बताते हैं और उसे दूर करने का प्रयास करते हैं। अब तो हमारा एक ही सपना है कि आइपीएल में भी दोनों एक टीम खेलें।
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