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    Jagran Dev Deepawali: गुरु गोरक्षनाथघाट दिखेगा नयनाभिराम, सवा लाख दीपों संग होगी उजली शाम

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 07:29 AM (IST)

    गोरखपुर में दैनिक जागरण का दिव्य दीपोत्सव राप्ती नदी के किनारे गुरु गोरक्षनाथ घाट पर आयोजित होगा। सवा लाख दीपों से घाट जगमगाएगा। इस अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रतिभागी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम गोरखपुर की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है और सभी को आमंत्रित किया गया है।

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    दैनिक जागरण के दिव्य दीपोत्सव में झिलमिलाएगा राप्ती तट

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर की सांस्कृतिक पहचान बन चुका ''दैनिक जागरण'' का ''दिव्य दीपोत्सव'' इस बार फिर राप्ती नदी के गुरु गोरक्षनाथ घाट को आलोकित करेगा। बुधवार शाम सवा लाख दीपों की झिलमिल रोशनी जब नदी की लहरों से टकराएगी, तो गोरखपुर की यह धरती फिर से अध्यात्म, परंपरा और संस्कृति के संगम की साक्षी बनेगी।

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    आयोजन की तैयारियां मंगलवार को पूरे दिन जोरों पर रहीं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कला विभाग के विद्यार्थी अल्ताफ, आस्था, श्रेया और शिखा ने घाट पर आकर्षक रंगोली और दीप रेखाओं के डिजाइन उकेरे। नगर निगम की टीम घाट की सफाई-सज्जा में जुटी रही, वहीं पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवियों ने भी पूरी निष्ठा से अपना योगदान दिया।

    बुधवार सुबह से ही एनसीसी कैडेट, स्काउट-गाइड और विभिन्न संस्थाओं के सदस्य दैनिक जागरण की टीम के साथ दीप सजाने और सजावट में जुट जाएंगे। जैसे ही शाम साढ़े चार बजे वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलन शुरू होगा, वैसे ही राप्ती तट का हर कोना दिव्यता से नहाएगा। श्रद्धालु और दर्शक अपने हिस्से की बाती जलाकर इस उजले उत्सव का हिस्सा बनेंगे।

    युवाओं और ''जेन-जी'' के लिए यहां बनाए जा रहे ''सेल्फी प्वाइंट'' इस आयोजन का आकर्षण बढ़ाएंगे। जब सवा लाख दीपों से राप्ती का पावन आंचल झिलमिलाएगा, तब यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि गोरखपुर की सांस्कृतिक चेतना का पुनर्जागरण होगा।

    रंगोली प्रतियोगिता आयोजन में भरेगी विविध रंग
    इस अवसर पर सुबह 11 बजे से रंगोली प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जिसमें हर उम्र के प्रतिभागियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा। प्रतिभागियों को अपनी रंगोली सामग्री स्वयं लानी होगी। श्रेष्ठ प्रतिभागियों को कार्यक्रम स्थल पर ही पुरस्कृत किया जाएगा।

    • स्थान: गुरु गोरक्षनाथ घाट, राप्ती नदी
    • आमंत्रण: आइए, जलाइए अपने हिस्से की बाती और बनिए इस दिव्य आलोक पर्व के साक्षी- हर दीप में गोरखपुर की उजली पहचान झलकेगी।