Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: सरैया से पंजाब तक फैली मजीठिया की विरासत पर अब शिकंजा, निजी रेलवे नेटवर्क से कारोबार फैलाया

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 09:47 AM (IST)

    गोरखपुर के सरदारनगर में मजीठिया परिवार ने 1907 में चीनी मिल और डिस्टिलरी की स्थापना की। उनका निजी रेलवे नेटवर्क गोरखपुर कुशीनगर और देवरिया तक फैला था। ...और पढ़ें

    Hero Image
    सरदारनगर में स्थित मजीठिया परिवार की कोठी- जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सरैया डिस्टिलरी में दस्तावेजों की जांच कर रही पंजाब विजिलेंस टीम की मौजूदगी ने एक बार फिर उस रसूखदार परिवार की विरासत को चर्चा में ला दिया है, जिसने कभी गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया तक अपने निजी रेलवे नेटवर्क से कारोबार की नई परिभाषा गढ़ी थी। बिक्रम सिंह मजीठिया भले ही पंजाब की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं, लेकिन उनकी जड़ें सरदारनगर से जुड़ी रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिक्रम सिंह मजीठिया का परिवार 1907 में गोरखपुर आया था। तत्कालीन समय में इस परिवार ने सरैया क्षेत्र में शुगर मिल और डिस्टिलरी की नींव रखी और सरदारनगर कस्बे की स्थापना की। बताया जाता है कि मजीठिया परिवार ने अपने स्तर पर इस कस्बे को विकसित किया।

    शुगर मिल, रिहायशी कालोनी, स्कूल और अस्पताल जैसी सुविधाएं भी इसी परिवार ने स्थापित कराई थीं। सरदारनगर कस्बा आज भी उनकी पारिवारिक विरासत का प्रतीक है। इस इलाके में दो दर्जन से अधिक फार्म और कृषि भूमि उनकी मिलकियत में बताई जाती है।

    एक समय ये फार्म गन्ने की खेती, पशुपालन और अन्य कृषि उत्पादों में सक्रिय थे।सरैया डिस्टिलरी और शुगर मिल केवल औद्योगिक इकाइयां नहीं थीं, बल्कि एक समूचा औद्योगिक साम्राज्य था। गोरखपुर, महराजगंज और देवरिया जिलों में फैली निजी रेलवे लाइन से उत्पादों की ढुलाई होती थी। इस नेटवर्क पर मजीठिया परिवार का पूरा नियंत्रण होता था।

    इतना ही नहीं, सरैया में बनी निजी हवाई पट्टी से खास मेहमानों और कारोबारी उड़ानों का संचालन होता था। यह हवाई पट्टी मजीठिया खानदान की आर्थिक शक्ति की प्रतीक थी। 80 के दशक में सरैया डिस्टिलरी पूरे पूर्वांचल में शराब उत्पादन और चीनी उद्योग की एक मजबूत पहचान थी। आज भले ही फैक्ट्री बंद हो चुकी हो, लेकिन वहां की दीवारें उस सुनहरे अतीत की गवाह हैं, जहां कभी उद्योग के साथ सत्ता का भी वर्चस्व था।

    पंजाब में दबदबा पर गोरखपुर से नहीं छूटा नाता :

    सरैया में कारोबार के बाद मजीठिया परिवार का ध्यान पंजाब की ओर गया, जहां बिक्रम सिंह मजीठिया ने अकाली दल के प्रमुख चेहरों में अपनी पहचान बनाई। वह पंजाब सरकार में मंत्री भी बने।हालांकि गोरखपुर से उनका संपर्क कभी पूरी तरह नहीं टूटा। आज भी सरैया डिस्टिलरी पर मजीठिया परिवार के नियुक्त कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।