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    MMUT में MBBS की पढ़ाई में आने वाली अड़चन हुई दूर, पाठ्यक्रम शुरू करने की मिली हरी झंडी

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 12:45 PM (IST)

    मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर में अब एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर संबद्धता का अनुरोध किया था जिसके बाद वित्त समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से स्कूल आफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना की जाएगी जिसमें एमबीबीएस बीडीएस बीएससी नर्सिंग जैसे पाठ्यक्रम होंगे।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। परिसर में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शासन को पत्र लिखकर जिला व महिला चिकित्सालय की संबद्धता के लिए अनुरोध किया था। प्रस्ताव पर अध्ययन के बाद शासन ने विश्वविद्यालय से इसे लेकर जवाब मांगा था कि पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय की वित्त समिति की स्वीकृति प्राप्त है या नहीं।

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    इसलिए कि प्रस्ताव में इसका जिक्र नहीं था। विश्वविद्यालय ने शासन को इस बाबत जवाब देने के लिए सोमवार को वित्त समिति की बैठक आयोजित की और पाठ्यक्रम के संचालन के लिए स्वीकृति प्राप्त कर ली।

    कुलपति प्रो. जेपी सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में वित्त नियंत्रक विनय कुमार राय ने शैक्षणिक सत्र 2026-2027 से विश्वविद्यालय में स्कूल आफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव रखा। उसके अंतर्गत एमबीबीएस, बीडीएस, बीएससी नर्सिंग व बीबीए हास्पिटल एडमिनिस्टेशन पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की अनुमति दिए जाने बात कही।

    समिति ने प्रस्ताव को तत्काल मंजूर कर दिया। अब जब वित्त समिति की मंजूरी मिल गई है तो विश्वविद्यालय प्रशासन शासन को स्पष्टीकरण पत्र प्रस्तुत करने की तैयारी में जुट गया है। बैठक में वित्त समिति के सदस्य प्रो. राकेश कुमार, अपर निदेशक कोषागार व पेंशन जयमंगल राव, एमएनआइटी प्रयागराज की कुलसचिव प्रो. साधना सचान, एमएमयूटी के कुलसचिव चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी, विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा अजीज अहमद, आरएन त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

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    वित्त समिति मेंं इन प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी

    • विद्यार्थियाें के आवागमन की सुविधा के लिए पुरानी और जल्द ही निष्प्रयोज्य हो रही बस के स्थान पर एक नई 52 सीटर सीएनसी बस को 28 लाख में क्रय किया जाना।
    • प्रबंध अध्ययन विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और फार्मेसी विभाग में कार्यरत संविदा शिक्षकों को उनके वर्तमान समेकित वेतन के तीन प्रतिशत के बराबर वेतन वृद्धि वार्षिक आधार पर दिए जाना जाना।
    • कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में डाटाबेस व वेब डिजाइन लैब की स्थापना के लिए 27.26 लाख रुपये, इंटीग्रेट बिग डाटा एंड आइओटी लैब की स्थापना के लिए 38.75 लाख रुपये और कंप्यूटर विजन लैब की स्थापना के 49.61 रुपये खर्च किया जाना।
    • विश्वविद्यालय में एक वर्तमान स्टाफ कार के शीघ्र ही निष्प्रयोज्य हो जाने और एक नई हाइब्रिड कार क्रय किया जाना।
    • विश्वविद्यालय के विद्युतकण एवं संचार अभियंत्रण विभाग में सेंटर फार एक्सीलेंस इन नेक्स्ट जनरेशन सेमीकंडक्टर्स एंड नैनो डिवाइसेज की स्थापना के लिए रु. 3.99 करोड़ रुपए खर्च करना।
    • भौतिकी एवं रसायन विज्ञान विभागों के लिए एक्सआरडी मशीन क्रय करने को 1.40 करोड़ खर्च किया जाना।
    • विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार के उच्चीकरण के 60 लाख रुपये खर्च करना।
    • एमफार्म (फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री व फार्मास्यूटिक्स) पाठ्यक्रम शुरू करने और बीफार्म में सीट वृद्धि किए जाने के सापेक्ष शैक्षणिक पदों का सृजन करना।
    • विश्वविद्यालय के सभी हास्टलों के डाइनिंग रूम तथा कामन रूम को वातानुकूलित किए जाने के लिए 2.15 करोड़ रुपये और आठ हास्टल में माड्यूलर किचेन बनाए जाने के लिए जाने हेतु 3.57 करोड़ रुपये खर्च करना।
    • सिविल इंजीनियरिंग व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रयोगशालाओं के उच्चीकरण के लिए 2.65 करोड़ रुपये खर्च करना।

    वित्त समिति की बैठक में विश्वविद्यालय में एमबीबीएस, बीडीएस और मेडिकल से जुड़े अन्य पाठ्यक्रमों के संचालन सहित कई प्रकार के निर्माण कार्य के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। अतिशीघ्र शासन को यह जानकारी दे दी जाएगी कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम के संचालन को वित्त स्वीकृति से प्राप्त हो गई है। शासन ने इसे लेकर जानकारी मांगी थी।

    -प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी