Gorakhpur AIIMS: नए साल से होगी मरीजों की भर्ती, अब तक नहीं थी सुविधा Gorakhpur News
एम्स में अभी केवल ओपीडी चलती है। अगस्त 2020 तक आइपीडी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कोरोना के चलते निर्माण कार्य बंद हो गए। इस वजह से अस्पताल शुरू नहीं हो सका। नए साल में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा मिल जाएगी।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में बन रहे अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) में नए साल में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा मिल जाएगी। जून 2021 तक आइपीडी (आंतरिक रोगी विभाग) शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा। साथ ही परास्नातक (पीजी), फार्मेसी व नर्सिंग की पढ़ाई शुरू हो सकती है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। स्नातक (एमबीबीएस) में भी 75 सीटें बढ़ा दी गई हैं। इसलिए नए वर्ष में 125 बच्चे चिकित्सा शिक्षा ग्रहण करेंगे। पूर्वांचलवासियों के जीवनरक्षा का केंद्र कहे जाने वाले एम्स में इस बार एमबीबीएस की परीक्षा भी समय से कराई गई है।
एम्स में अभी केवल ओपीडी चलती है। अगस्त 2020 तक आइपीडी शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कोरोना के चलते निर्माण कार्य बंद हो गए। इस वजह से अस्पताल शुरू नहीं हो सका। जून 2021 तक 300 बेड का अस्पताल शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। मई तक कार्यदायी संस्था अस्पताल बनाकर एम्स को सौंप देगी। इससे पूर्वांचल, बिहार व नेपाल के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। गंभीर स्थितियों में मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर कर दिया जाता है। एम्स में अस्पताल शुरू होने से यहां के मरीजों का यहीं बेहतर इलाज संभव हो सकेगा।
दिसंबर तक शुरू हो सकता है 700 बेड का अस्पताल
एम्स में कुल 750 बेड का अस्पताल प्रस्तावित है। जो अपनी पूर्ण क्षमता के साथ आगामी दिसंबर तक शुरू हो सकता है। अभी उच्च चिकित्सा संस्थान के रूप में केवल बीआरडी मेडिकल कालेज है। एम्स में भी आइपीडी शुरू हो जाने से बड़ी राहत मिलेगी।
पहले शुरू होगी इमरजेंसी
ओपीडी में सीटी-एमआरआइ मशीन लगाई जा चुकी है। अन्य सुविधाओं पर भी काम हो रहा है। पहले से इमरजेंसी व ओटी (आपरेशन थियेटर) शुरू कर दिए जाएंगे। अस्पताल के साथ ही 14 ओटी बनकर लगभग तैयार हो चुके हैं।
कोविड वैक्सीन के प्रभाव पर अध्ययन करेगा एम्स
वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन मनुष्य पर इसका क्या प्रभाव होगा, इस बारे में एम्स नए साल में अध्ययन करेगा। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी अनुमति दे दी है।
पूर्वांचल की बीमारियों पर होगा शोध
पूर्वांचल की बीमारियों की रोकथाम के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। शासन से अनुमति लेने के बाद पूर्वांचल के 28 जिलों की प्रमुख बीमारियों- इंसेफ्लाइटिस, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, डेंगू के अलावा यहां मातृ-शिशु मृत्यु के कारणों की पड़ताल की जाएगी और उसकी रोकथाम के उपाय किए जाएंगे। एम्स की निदेशक डा. सुरेखा किशोर का कहना है कि पीजी, फार्मेसी व नर्सिंग की पढ़ाई नए साल में शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। अभी ओपीडी में मरीज देखे जा रहे हैं। इस साल से मरीजों की भर्ती भी शुरू हो जाएगी। कोशिश है कि पूरी क्षमता के साथ एम्स इस वर्ष कार्य शुरू कर दे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिया है कि पूर्ण विकसित एम्स का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराया जाएगा।

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