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    गोरखपुर में मुकदमा दर्ज करने के नाम पर दारोगा ने लिया घूस Gorakhpur News

    By Satish ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 25 Dec 2020 06:08 PM (IST)

    फुलवारी देवी ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि बीते 23 अक्टूबर को गांव के एक व्यक्ति से उनका विवाद हो गया था। वह प्रार्थना पत्र लेकर थाने पर गईं तो दारोगा विवेक चतुर्वेदी ने उनसे मुकदमा दर्ज करने के नाम पर 25 हजार रुपये मांगे।

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    पुलिस दारोग के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

    गोरखपुर, जेएनएन। गोला थाने पर तैनात दारोगा विवेक चतुर्वेदी पुत्र जगदीश नारायण चतुर्वेदी निवासी गोविंदपुर कीरत थाना मरदह जिला गाजीपुर के विरुद्ध गोला पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया है। थाना क्षेत्र के ग्राम झरकटा निवासिनी फुलवारी देवी ने घूस लेते हुए उनका आडियो क्लिप बना लिया था। बाद में उसकी शिकायत एसएसपी से की। जांच में मामला सत्य मिला तो दारोगा के विरुद्ध महिला की तहरीर पर गोला पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। वैसे पूरे मामले की जांच के लिए एसएसपी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी गोला श्यामदेव विंद को जिम्‍मेदारी दे दी है।

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    फुलवारी देवी ने एसएसपी को दिया प्रार्थना पत्र

    फुलवारी देवी ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि बीते 23 अक्टूबर को गांव के एक व्यक्ति से उनका विवाद हो गया था। वह प्रार्थना पत्र लेकर थाने पर गईं तो दारोगा विवेक चतुर्वेदी ने उनसे मुकदमा दर्ज करने के नाम पर 25 हजार रुपये मांगे। उन्होंने दारोगा को 10 हजार रुपये नकद दिया और पांच हजार रुपये बाद में देने को कहा। रुपया देते समय दारोगा से बातचीत का आडियो भी बना लिया। दारोगा ने दूसरे पक्ष की एक लड़की की तहरीर पर बीते 27 अक्टूबर को महिला के विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट व छेडख़ानी का मुकदमा दर्ज किया।

    पुलिस क्षेत्राधिकारी करेंगे जांच

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने ने पुलिस क्षेत्राधिकारी गोला श्यामदेव विंद को इसकी जांच जांच सौंपी थी। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने जांच में मामला सही पाया तो आरोपित दारोगा के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 925/20 धारा 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने आरोपित दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय जांच बिठा दी है। साथ ही यह भी हिदायत दी है कि भ्रष्टाचार पर सरकार जीरो टालरेंस की नीति अपना रही है। ऐसे में कोई भी अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।