गोरखपुर में नवजातों को संक्रमण से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयास, BRD के डॉक्टरों ने शुरू की पहल
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में नवजात शिशुओं को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। शिशु रोग विभाग के डॉक्टर शिशुओं की गहन देखभाल कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण पर सख्त प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, नवजात शिशुओं में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, इसलिए उनकी विशेष देखभाल आवश्यक है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज के पांच सौ बेड बाल रोग चिकित्सा संस्थान स्थित स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में नवजातों की सुरक्षा को लेकर संक्रमण नियंत्रण के मानकों को सख्ती से लागू किया गया है। अस्पताल प्रशासन ने निर्देश जारी करते हुए साफ-सफाई, हैंड हाइजीन और उपकरणों की नियमित स्टरलाइजेशन प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया है।
प्रोफेसर डा. भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि नवजात शिशुओं में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। इसलिए एसएनसीयू में हर स्तर पर संक्रमण से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। डाक्टरों और नर्सों को प्रतिदिन यूनिट में प्रवेश से पहले हैंड सैनिटाइजेशन अनिवार्य किया गया है।
माता-पिता या तीमारदारों के लिए भी प्रवेश के नियम सख्त कर दिए गए हैं। एसएनसीयू में प्रयुक्त सभी मशीनों, इनक्यूबेटर और बेड की सफाई अब प्रत्येक शिफ्ट के बाद की जा रही है।
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संक्रमण नियंत्रण समिति की टीम रोजाना निरीक्षण करती है। किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर संबंधित स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई का प्रविधान किया गया है।
यूनिट में बाहरी संक्रमण को आने से रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं। इसके अलावा नवजातों के स्वजन को संक्रमण से बचाव संबंधी जानकारी भी दी जाती है। एसएनसीयू में मानक के अनुरूप संक्रमण नियंत्रण ही नवजातों की जान बचाने की पहली शर्त है। हमारा प्रयास है कि किसी भी बच्चे को संक्रमण के कारण जान का खतरा न हो।
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