मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के गोरखपुर स्थित आवास पर छापेमारी, नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ीं मशीनें
मगध विश्वविद्यालय गया बिहार के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद गोरखपुर स्थित आवास परस्पेशल विजिलेंस यूनिट बिहार व स्पेशल टास्क फोर्स बिहार की टीम ने छापा मारा। दोपहर पहुंची विशेष निगरानी समिति व एसटीएफ की टीम कुलपति के आजादनगर पूर्वी स्थित आवास में बुधवार देर रात तक छापेमारी की।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) बिहार व स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) बिहार की टीम ने मगध विश्वविद्यालय गया बिहार के कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद गोरखपुर स्थित आवास पर छापा मारा। दोपहर पहुंची विशेष निगरानी समिति व एसटीएफ की टीम कुलपति के आजादनगर पूर्वी स्थित आवास में बुधवार देर रात तक छापेमारी की। बीस सदस्यीय इस टीम के सदस्यों ने उनके घर में बाहर से किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी। इसके बाद गहन छानबीन शुरू की। छापेमारी में भारी मात्रा में सोने के जेवर और रुपये मिले। रुपयों को गिनने के लिए रुपये गिनने की मशीनें मंगाई गईं।
टेंडर नियमों की अनदेखी कर अपने रिश्तेदार को काम दिलवाने का आरोप
कुलपति प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने मगध विश्वविद्यालय के खरीद से संबंधित कोई टेंडर नियमों की अनदेखी करके अपने किसी रिश्तेदार को दिलवा दिया है। इसके जरिये उन्होंने अपने रिश्तेदार को करोड़ों का लाभ दिलवाया है। इसे लेकर स्पेशल विजिलेंस यूनिट बिहार ने कुलपति राजेन्द्र प्रसाद सिंह, उनके निजी सचिव सुबोध कुमार व एक अन्य व्यक्ति पर मुकदमा(संख्या 2/2021) दर्ज किया है। इसके अलावा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय बिहार के रजिस्ट्रार जितेन्द्र कुमार व अन्य के खिलाफ जालसाजी, साजिश सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
बीस करोड़ की खरीदारी का है मामला
कुलपति राजेन्द्र प्रसाद पर आरोप है कि मगध विश्वविद्यालय व वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए उन्होंने 20 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी की। इसे लेकर बुधवार से स्पेशल विजिलेंस यूनिट बिहार की टीम छापेमारी कर रही है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट के डिप्टी एसपी चंद्रभूषण सिंह व देवेश के नेतृत्व में टीम ने बुधवार सुबह नौ बजे प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद के गोरखपुर के आजादनगर पूर्वी स्थित आवास पर दबिश दी है। टीम के सहयोग के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बिहार के लाेग भी लगे हैं। टीम में कुल बीस लोग हैं। इसमें 10 एसवीयू और 10 एसटीएफ के सदस्य हैं।
गोरखपुर के आजादनगर में रहता है परिवार
आजादनगर पूर्वी में प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद के पुत्र अशोक प्रसाद का परिवार रहता है। टीम ने यहां आने के बाद बाहर के लोगों का प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया है। टीम करीब आठ घंटे से उनके घर पर जमी हुई है और वहां परिवार के सदस्यों से पूछताछ व दस्तावेजों की जांच कर रही है। इस दौरान स्पेशल विजिलेंस यूनिट के डिप्टी एसपी चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि मंगलवार को कुलपति व अन्य लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। मंगलवार को ही कुलपति के विरुद्ध सर्च वारंट जारी हुआ है। इसे लेकर कुलपति के गोरखपुर स्थिति आवास सहित बिहार स्थित उनके कार्यालय व आवास पर जांच चल रही हैं। उन्होंने बताया कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और बिना जांच पूरी हुए वह अभी कुछ बता नहीं सकते हैं।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के भी कुलपति रह चुके हैं प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद
प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और प्रयागराज विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। वह रक्षा अध्ययन विषय के आचार्य है। वर्ष 2019 में उन्हें मगध विश्वविद्यालय बिहार का कुलपति बनाया गया। इससे पूर्व वह प्रयागराज विश्वविद्यालय के कुलपति थे। प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद गोरखपुर के आजादनगर पूर्वी तारामंडल के रहने वाले हैं। वह चार बार पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता रह चुके हैं।
जेवर तौलने के लिए बुलाना पड़ा सर्राफ
आवास से स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) को बड़े पैमाने नकदी, जेवरात व कीमती गिफ्त मिले। स्थिति यह रही कि नकदी को गिनने के लिए विजिलेंस यूनिट को शहर से दो मशीनें मंगानी पड़ीं। देर रात तक मशीनों से प्रोफेसर के घर की नोट गिनी जाती रही। यह और बात रही कि घर में बरामद जेवरातों को स्वजन नकली व आर्टिफिशियल बताते रहे। ऐसे में जेवरातों के परीक्षण व उसका वजन करने के लिए विजिलेंस यूनिट को शहर से एक सर्राफ को बुलाना पड़ा। उसने जेवरातों का वजन किया और सोने व चांदी के आभूषणों का परीक्षण किया। सर्राफ ने एसवीयू को बताया कि बरामद जेवरातों में अधिकांश सोने के हैं। कुलपति के आवास से टीम को कई ऐसे गिफ्ट मिले हैं, जिनकी कीमत पांच-पांच लाख से अधिक की है। इसके अलावा कई ऐसी कीमती जमीनों के पेपर मिले हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। विजिलेंस यूनिट ने सभी जेवरात, नकदी, उपहार व दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। विजिलेंस यूनिट की जांच अभी जारी है।

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