गोरखपुर एम्स में इन पदों के लिए निकली भर्ती, इस तिथि तक करें आवेदन
Gorakhpur AIIMS Vacancies एम्स गोरखपुर में कई पद रिक्त हैं। प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर व ट्यूटर के पदों के लिए 21 मार्च तक आवेदन एम्स में पहुंच जाने चाहिए। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नर्सिंग की पढ़ाई इस सत्र से शुरू हो जाएगी। नर्सिंग के शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए 23 पदों पर आवदेन मांगे गए हैं। इसमें एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर व तीन असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ 17 ट्यूटर के पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। 21 मार्च को सायं पांच बजे तक रजिस्टर्ड डाक से आवेदन एम्स में पहुंच जाने चाहिए। उन्हीं आवेदनों पर विचार किए जाएंगे जो निर्धारित अविध में एम्स प्रबंधन को प्राप्त हो जाएंगे।
एम्स में नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 60 सीटों की मान्यता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स में नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 60 सीटों की मान्यता दे दी है। अभी तक एम्स में केवल एमबीबीएस की पढ़ाई हो रही है। इस सत्र से तीसरा बैच शुरू होगा। अब एमबीबीएस में 125 सीटें हो गई हैं। इसी सत्र से पीजी की पढ़ाई करने की भी तैयारी है। विभिन्न विभागों के कोर्स स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं।
एम्स में बढ़ने लगीं सुविधाएं
एम्स गोरखपुर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात दिसंबर 2021 को किया था। इसके बाद से एम्स में सुविधाएं बढ़ने लगी हैं। 300 बेड का अस्पताल शुरू कर दिया गया है। अभी आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में कोई विभाग नहीं बढ़ाया गया है। पुराने 14 विभागों का ओपीडी चल रहा है। लेकिन वार्ड में आर्टिरियल ब्लड गैस एनालाइजर लग गया है। इससे डायरिया, शुगर, चोट आदि की गंभीरता की जांच कर रोगी को सटीक दवा दी जा रही है, जिससे तुरंत आराम मिल जाता है। आमतौर पर ज्यादा गंभीर रोगियों की यह जांच की जाती है। शीघ्र ही सीटी स्कैन, एमआरआइ व अल्ट्रसाउंड जांच भी शुरू कर दी जाएगी।
नर्सिंग की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू कर दी जाएगी। शिक्षकों व कर्मचारियों की भर्ती निकाली गई है। विभिन्न पदों पर 21 मार्च तक आवेदन किए जा सकते हैं। - डा. शशांक शेखर, मीडिया प्रभारी, एम्स।
एम्स में नर्सिंग की पढ़ाई के लिए 60 सीटों की मान्यता
पिछले पांच वर्षों में बीआरडी मेडिकल कालेज में अनेक सुविधाएं बढ़ने से रोगियों को राहत मिली है। दो सौ बेड का सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक, पांच सौ बेड का बाल सेवा संस्थान शुरू होने के साथ ही सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर भी मिल गए हैं। अब गंभीर बीमारियों के रोगियों का आपरेशन भी यहीं होने लगा है। कोरोना जांच की सुविधा गोरखपुर में नहीं थी। मेडिकल कालेज में इसकी जांच शुरू हुई। अब नौ आरटीपीसीआर मशीनें भी मिल गई हैं। मेडिकल कालेज में प्रदेश की पहली बीएसएल थ्री लैब बनी।
आरएमआरसी की नौ लैब बनकर तैयार
क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) की नौ लैब बनकर तैयार हो गई हैं, उनमें एक लैब जीनोम सिक्वेंसिंग की भी है। अब वायरस का पता गोरपुर में लगाने के साथ ही उन पर अध्ययन भी किया जा सकेगा। कोरोना की पहली लहर में 140 व दूसरी लहर में 60 वेंटीलेटर मिले। साथ ही सात सौ बेड का अस्पताल बीआरडी मेडिकल कालेज में तैयार हुआ। कालेज परिसर में दो आक्सीजन प्लांट लगे। एक लिक्विड आक्सीजन प्लांट है, जहां से री-फिलिंग कर सिलेंडर के जरिये दूसरी जगहों पर आक्सीजन भेजा जा सकेगा। इसके अलावा पिपराइच सीएचसी पर आपरेशन से प्रसव शुरू किया गया। चरगांवा सीएचसी शुरू हुआ, जहां उपचार व जांच की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां भी आक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है।

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