गोरखपुर में बाढ़ का खतरा, नेपाल की बारिश से नदियों में उफान
नेपाल में भारी बारिश के कारण गोरखपुर की राप्ती और रोहिन नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। सिंचाई विभाग ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए रेगुलेटर के फाटक बंद करने के निर्देश दिए हैं। राप्ती में एक मीटर और रोहिन में दो मीटर की वृद्धि हुई है जिससे 48 घंटे में खतरे के निशान तक पहुंचने की आशंका है। विभाग ने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नेपाल में होने वाली वर्षा का असर नदियों पर नजर आने लगा है। राप्ती और रोहिन नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। नदियों की हलचल को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बंधों पर बने रेगुलेटर के फाटक बंद करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को नगर निगम की ओर से बसियाडीह और इलाहीबाग में रेगुलेटर के फाटक करा दिए गए हैं। इससे नदियों का जलस्तर बढ़ने पर पानी का बहाव आबादी की ओर नहीं होगा।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नेपाल में होने वाली वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। सोमवार की सुबह आठ बजे से लेकर मंगलवार की शाम चार बजे तक राप्ती के जलस्तर में एक मीटर तो रोहिन के पानी में दो मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
नदियों की गति को देखकर आशंका जताई गई है कि 48 घंटे में पानी खतरे के निशान तक पहुंच सकता है। बर्डघाट में राप्ती नदी का जलस्तर सोमवार की सुबह जहां खतरे के निशान से 2.14 मीटर नीचे था। वहीं मंगलवार को शाम चार बजे 1.17 मीटर नीचे रहा।
त्रिमुहानी घाट पर रोहिन नदी का का पानी सोमवार की सुबह खतरे के निशान से 2.61 मीटर नीचे था, जबकि मंगलवार को शाम चार बजे सिर्फ 39 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया। सरयू नदी का जलस्तर अयोध्या पुल पर लगे मीटर गेट के साथ-साथ तुर्तीपार में भी बढ़ रहा है।
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अयोध्या में सरयू नदी अपने खतरे के निशान से सिर्फ 11 सेंटीमीटर कम है। तुर्तीपार में ऊपर पहुंच गई है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर में बढ़ोतरी देखकर नदियों की पेट्रोलिंग तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। कटान वाले स्थलों के संबंध में जानकारी मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
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