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    निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद का भाजपा को संदेश, कहा- आयातित नेताओं से सावधान रहे BJP

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:02 PM (IST)

    निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भाजपा को आयातित नेताओं से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कुछ नेता टिकट दिलाने के नाम पर मछुआ समाज को गुमराह कर रहे हैं। निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना मार्गदर्शक बताया और कहा कि उनका संघर्ष मछुआ समाज के लिए जारी है जिसे अभी तक अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं मिला है।

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    निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने कहा कि भाजपा को सपा-बसपा से आए आयातित नेताओं से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आयोजित पार्टी का 10वां स्थापना दिवस उम्मीद से अधिक सफल रहा है। इस दौरान मछुआ समाज को आरक्षण दिलाने की मांग जोर-शोर से उठाई गई।

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    मंगलवार को एनेक्सी भवन सभागार में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि कुछ छुटभैया नेता भाजपा में टिकट दिलाने का दावा कर समाज को गुमराह कर रहे हैं, जबकि टिकट का निर्णय शीर्ष नेतृत्व करता है। ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा। जयप्रकाश निषाद अगर समाज के आरक्षण के मुद्दे पर हमारे साथ आते हैं तो हम उन्हें टिकट देने को तैयार हैं। यदि वे हाथी (बसपा) से आकर समाज के लिए आवाज उठाते हैं तो स्वागत है, अन्यथा यह माना जाएगा कि समाज के खिलाफ षड्यंत्र हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि हम भगवान राम को मानते हैं और निषादराज के वंशज हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे मार्गदर्शक हैं। हमने परिवारवाद नहीं किया, अपने विधायक बेटे को भी पद से हटाया। हमारा संघर्ष समाज के लिए है, 2013 से लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

    प्रदेश के सभी 75 जिलों में जाकर समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं। शिल्पकारों को एससी दर्जा मिला लेकिन मछुआरों को अब तक नहीं मिला।उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। एक सवाल के जवाब में

    डा. संजय ने साफ कहा कि भाजपा को अगर लगता है कि निषाद पार्टी से कोई लाभ नहीं है, तो गठबंधन तोड़ सकती है। कोई भी पार्टी या नेता घमंड में न रहे। उन्होंने जोड़ा कि गोरखपुर में तो कोशिश की जाती है कि कब हम गिर जाएं, लेकिन समाज के संघर्ष से ही भाजपा को लाभ मिल रहा है।