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    कुत्ते ने काटा तो 10 दिन करनी होगी निगरानी, माइक्रो चिप लगाकर होगी निगरानी

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 03:56 PM (IST)

    गोरखपुर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को देखते हुए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। कुत्ते के काटने पर नगर निगम उसे 10 दिन एबीसी सेंटर में रखेगा जहाँ उसका बंध्याकरण और टीकाकरण होगा। माइक्रोचिप लगने के बाद दूसरी बार काटने पर कुत्ते को आजीवन एबीसी सेंटर में रखा जाएगा। गोद लेने वाले को शपथपत्र देना होगा कि वह कुत्ते को सड़क पर नहीं छोड़ेगा।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

     जागरण संवाददाता, गोरखपुर। निराश्रित और आक्रामक कुत्तों के बढ़ते हमलों को देखते हुए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। सड़क पर घूमने वाला ऐसा कोई कुत्ता यदि किसी व्यक्ति को काटता है, तो नगर निगम को उस कुत्ते को तत्काल 10 दिनों के लिए एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर में निगरानी में रखना होगा।

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    इस दौरान उसका बंध्याकरण (स्टरलाइजेशन) और रेबीज रोधी टीकाकरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा, ताकि आगे संक्रमण का खतरा कम हो सके। इन 10 दिनों में कुत्ते के स्वास्थ्य और व्यवहार की प्रतिदिन निगरानी की जाएगी। इसकी पूरी जानकारी एक तय प्रोफार्मा पर दर्ज करनी होगी।

    इसमें कुत्ते की दैनिक गतिविधियां, स्वास्थ्य स्थिति और किसी भी आक्रामकता के संकेत आदि शामिल हैं। नगर निगम के अनुसार एबीसी सेंटर से छोड़ने से पहले कुत्ते में माइक्रो चिप लगाया जाएगा, जो भविष्य में उसकी आसानी से पहचान सुनिश्चित करेगी।

    यह चिप सिस्टम कुत्ते की ट्रैकिंग में मददगार साबित होगा और बार-बार होने वाले हमलों को रोकने में सहायक होगा। एक महत्वपूर्ण प्रविधान यह भी किया गया है कि यदि माइक्रो चिप लगे किसी कुत्ते द्वारा दूसरी बार किसी व्यक्ति को काटने की घटना सामने आती है और यह "अप्रेरित हमला" (यानी बिना उकसावे का हमला) सिद्ध होता है, तो ऐसे कुत्ते को आजीवन एबीसी सेंटर में ही रखा जाएगा।

    इसे सड़क पर दोबारा नहीं छोड़ा जाएगा, जिससे जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। हालांकि, इस फैसले से पहले एक तीन सदस्यीय समिति द्वारा जांच की जाएगी। समिति में जिला एसपीसीए (सोसाइटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स) का एक गैर-सरकारी सदस्य, स्थानीय निकाय का प्रतिनिधि और स्थानीय पशु चिकित्साधिकारी शामिल होंगे।

    समिति यह जांच करेगी कि हमला अप्रेरित था या नहीं। साथ ही, माइक्रो चिप की मदद से यह पुष्टि की जाएगी कि काटने वाली घटना उसी कुत्ते से जुड़ी है या नहीं। कुत्ता गोद लेने के लिए देना होगा शपथपत्र: यदि कोई व्यक्ति या संगठन एबीसी सेंटर से कुत्ते को गोद लेना चाहेगा, तो उसे एक शपथ पत्र देना होगा जिसमें यह वचनबद्धता हो कि वह कुत्ते को कभी सड़क पर नहीं छोड़ेगा। यदि ऐसा किया जाता है, तो गोद लेने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    यह प्रविधान पशु कल्याण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, ताकि कुत्तों को सुरक्षित वातावरण मिल सके और हमलों की घटनाएं कम हों। शासन ने सभी निकायों, पशु कल्याण अधिकारियों और विकास प्राधिकरणों को इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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    एबीसी सेंटर के लिए नई टेंडर प्रक्रिया

    नगर निगम की ओर से एबीसी सेंटर के संचालन में भी बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुरानी फर्म, जो सेंटर का संचालन कर रही थी, ने 9 सितंबर से अपना काम बंद कर दिया है।

    नई फर्म के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन तकनीकी बिड में कोई फर्म योग्य नहीं पाई गई। अब नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही नई फर्म का चयन हो जाएगा।