'किसी भी देश-धर्म में सनातन जैसी समृद्ध परंपरा नहीं', गोरखपुर में CM योगी; कहा- आलोचना करने वालों ने महाकुंभ में सनातन की ताकत देखी
शोभायात्रा का पारंपरिक आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सुबह आठ बजे से शुरू हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के मार्गदर्शन में होलिकोत्सव समिति की ओर से आयोजित शोभायात्रा का औपचारिक कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री ने भगवान नरसिंह की आरती उतारी इसके बाद अबीर-गुलाल उड़ाकर यात्रा को धूमधाम से रवाना किया। सीएम योगी ने कहा किसी भी देश-धर्म में सनातन धर्म जैसी समृद्ध त्योहारों की परंपरा नहीं है।

प्रेट्रे एजेंसी, नई दिल्ली। होली के अवसर गोरक्षपीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में है। घंटाघर से परंपरागत रूप से निकलने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा में शामिल हुए सीएम योगी ने कहा कि किसी भी देश या धर्म में सनातन धर्म जैसी समृद्ध त्योहारों की परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में हमारी आस्था है और आस्था ही त्योहारों की आत्मा है। त्योहारों के माध्यम से भारत आगे बढ़ता है।
शोभायात्रा का पारंपरिक आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में सुबह आठ बजे से शुरू हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के मार्गदर्शन में होलिकोत्सव समिति की ओर से आयोजित शोभायात्रा का औपचारिक कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री ने भगवान नरसिंह की आरती उतारी, इसके बाद अबीर-गुलाल उड़ाकर यात्रा को धूमधाम से रवाना किया।
#WATCH | गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "...जो लोग सनातन धर्म की आलोचना करते थे, उन्हें महाकुंभ के दौरान इसकी ताकत दिखी। 66 करोड़ से अधिक लोगों ने बिना किसी भेदभाव के पवित्र डुबकी लगाई...ऐसा अनोखा नजारा देखकर दुनिया हैरान रह गई...जो लोग सोचते थे कि… pic.twitter.com/nUgDFiLKEu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 14, 2025
इससे पहले वह गुरुवार को होलिका दहन शोभायात्रा में भी शामिल हुए थे। यहां उन्होंने कहा था कि पर्व, त्योहारों में निहित एकता, सद्भावना का संदेश ही सनातन धर्म की सबसे बड़ी ताकत है। प्रयागराज महाकुंभ में सनातन धर्म की इसी ताकत का अहसास पूरी दुनिया ने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होली समेत सभी सनातनी पर्व, त्योहारों का एक ही संदेश है-'सत्यमेव जयते'। हर हाल में सत्य की ही जीत होती है। थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है लेकिन सत्य को कोई झुका नहीं सकता, झुठला नहीं सकता और समाप्त नहीं कर सकता। सत्य का मार्ग ही धर्म का मार्ग है।
उन्होंने कहा कि स्थायी विजय शार्टकट से हासिल नहीं हो सकती और अवसरवादिता महान नहीं बना सकती। दिव्य और भव्य महाकुंभ की सफलता ने दुनिया को सनातन धर्म की ताकत का अहसास कराया है। प्रयागराज महाकुंभ ने यह दिखाया कि धर्म का अनुशासन देखना हो, एकता देखनी हो और सद्भावना देखनी हो तो सनातन धर्म की परंपराओं को देखिए।
बकौल सीएम, महाकुंभ धर्म के अनुशासन का महापर्व बन गया। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने एक संगम क्षेत्र में 45 दिन तक जिस अनुशासन का अहसास कराया वह सनातन की सबसे बड़ी जीत है। देश के सभी राज्यों, 100 से अधिक देशों के श्रद्धालु, राजनयिक, राष्ट्राध्यक्ष, मंत्रीगण इसके सहभागी बने।
राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई केंद्रीय मंत्रियों, कई राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट और राज्य के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों समेत समाज के हर क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले लोगों ने महाकुंभ जाने की इच्छा जताई और उसे पूरित किया।
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