UP Panchayat Election: मिला यूनिक नंबर, पकड़ में आ जाएंगे डुप्लीकेट वोटर
गोरखपुर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची को त्रुटि रहित बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने अनूठी पहल की है। प्रत्येक वोटर को यूनिक स्टेट वोटर नंबर आवंटित किया गया है जिससे डुप्लीकेट नामों की पहचान आसानी से हो सकेगी। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कर रहे हैं। 19 अगस्त से 10 सितंबर तक 95 हजार से अधिक लोगों ने वोटर बनने के लिए आवेदन किया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची की सबसे बड़ी चुनौती डुप्लीकेट नाम, अब आसानी से पकड़े जा सकेंगे। इसके लिए इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने एक नई व्यवस्था लागू की है।
प्रदेश के प्रत्येक वोटर को यूनिक स्टेट वोटर नंबर (एसवीएन) आवंटित किया गया है। छह अक्षरों वाला यह नंबर मतदाता सूची में उनके नाम के सामने अंकित है, जिससे न केवल डुप्लीकेसी की पहचान होगी बल्कि मतदाता को भी अपना नाम ढूंढना आसान रहेगा।
एसवीएन में अंग्रेजी के छह अक्षर होते हैं। पहले तीन अक्षर संबंधित ब्लाक के नाम से जुड़े रहते हैं। चौथा अक्षर मतदाता के लिंग को दर्शाता है। एफ है तो महिला और एम है तो पुरुष। पांचवें और छठवें अक्षर के रूप में डबल ए अंकित किया गया है।
इसके बाद मतदाता का सीरियल नंबर लिखा गया है। इस तकनीक की मदद से यदि किसी मतदाता का नाम और उसके पिता का नाम समान पाया जाता है, तो भी सिस्टम डुप्लीकेसी को आसानी से पकड़ सकेगा।
वर्तमान में बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कर रहे हैं। सभी बीएलओ को जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उसमें आखिरी से तीसरे कालम में एसवीएन अंकित है। इस सूची के जरिए मतदाता स्वयं भी अपना नाम सर्च कर सकते हैं। निर्वाचन विभाग का मानना है कि इससे मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने में मदद मिलेगी।
पहली बार लागू हुआ प्रयोग
मतदाता सूची में डुप्लीकेसी की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं। बड़े पैमाने पर नाम दोहराए जाने से निर्वाचन कार्यालय को चुनाव के समय गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार पहली बार एसवीएन की व्यवस्था लागू की है।
इसके लिए मतदाता सूची में एक अतिरिक्त कालम जोड़ा गया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सहायक निर्वाचन अधिकारी जगनारायण मौर्य ने बताया कि इस बार मतदाता सूची में सभी मतदाताओं का स्टेट वोटर नंबर अंकित किया गया है।
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छह अक्षरों वाले इस नंबर से न केवल डुप्लीकेट वोटर पकड़ना आसान होगा, बल्कि वोटर लिस्ट में नाम तलाशना भी सरल हो जाएगा। सभी बीएलओ को सूची उपलब्ध करा दी गई है और वे 29 सितंबर तक घर-घर जाकर पुनरीक्षण का कार्य करेंगे।
वोटर बनने के लिए अब तक 95 हजार से अधिक आवेदन
त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचक नामावली के वृहद पुनरीक्षण अभियान के तहत 19 अगस्त से लेकर 10 सितंबर तक 95 हजार से अधिक लोगों ने वोटर बनने के लिए आवेदन किया है। इनमें सबसे अधिक 23,935 आवेदन बांसगांव और 15, 418 आवेदन सदर तहसील क्षेत्र से आए हैं। सबसे कम 8866 आवेदन कैंपियरगंज से हुए हैं।
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