कहीं आपका जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तो नहीं? यूपी के इस जिले में अधिकारियों फर्जी हस्ताक्षर कर जारी किए गए
उत्तर प्रदेश के एक जिले में जन्म प्रमाण पत्रों में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जहां एसडीएम और सीएमओ के नकली हस्ताक्षर लगाकर प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। मामले का भंडाफोड़ होने पर प्रशासन अलर्ट हो गया है और कई संदिग्ध प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी गई है।

कहीं आपका जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तो नहीं? यूपी के इस जिले में एसडीएम से लेकर सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर का खेल
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। कहीं आपने जो जन्मप्रमाण पत्र बनवाया वो फर्जी तो नहीं है? ऐसा हो सकता है। यूपी के फर्रुखाबाद में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां पर अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके जन्मप्रमाण पत्र को जारी कर दिया गया। अब इस मामले की शिकायत डीएम से की गई।
पूरा गैंग सक्रिय
ग्रामीण क्षेत्र में पैदा होने वाले बच्चों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों का गैंग काफी सक्रिय है जो अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर नवजात बच्चों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर रहा है। इसका खुलासा होने से प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है। वहीं सदर एसडीएम केडी शर्मा ने उक्त मामले की जांच खंड विकास अधिकारी सुमेरपुर को सौंप दी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ गिरोह सक्रिय
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जो घरेलू प्रसव कई वर्ष पूर्व हुए हैं। उनके जन्म प्रमाण पत्र ग्रामीण क्षेत्र में सचिव व बीडीओ के हस्ताक्षर से बनाए जाते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ गिरोह सक्रिय हैं। जो अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर ग्रामीणों को उनके बच्चों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर रहा है।
इनके प्रमाण पत्र में फर्जी हस्ताक्षर
बीते दिनों विकासखंड सुमेरपुर के सुरौली बुजुर्ग गांव में चुनकी डेरा गांव में मोहनलाल के पुत्री अक्शी व दिव्यांशी, रामचंद्र के पुत्र मंगल एवं नवल, लल्लू की पुत्री आकांक्षा, फुलुवा की पुत्री काजल व जयकरन के पुत्र खुशीराम, नाथूराम के पुत्र कल्लू का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जिसमे ग्राम विकास अधिकारी व एडीओ पंचायत, एसडीएम सदर के अलावा सीएमओ के हस्ताक्षर बनाए गए हैं व मुहर भी लगाई गई है। जो पूरी तरह से फर्जी हैं।
अधिकारियों ने लिखित दिया कि हस्ताक्षर उनके नहीं
यहीं नही इस मामले में एडीओ पंचायत व सचिव सुरेंद्र पटेल ने लिखित दिया है कि प्रमाण पत्र में उनके फर्जी हस्ताक्षर व मुहर लगाए गए हैं। इस मामले की जानकारी होने पर महिला ग्राम प्रधान रामप्यारी निषाद ने जिलाधिकारी को दी। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों के बीच भी खलबली मच गई। गांव के पंचायत सहायक ने इसके बाद इस्तीफा भी दे दिया है। क्षेत्र में इस मामले मे एक गिरोह है जो फर्जी काम करता है इसका सरगना इसी गांव का रहने वाला है। लोगों का कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्र सैकड़ों की तादाद में जारी किए गए हैं।
मामले की जांच बीडीओ सुमेरपुर को दी गई है रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
केडी शर्मा, एसडीएम सदर

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