हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में सड़कों की हालत खस्ता, जिंदगियों पर मंडरा रहा खतरा
हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र में सड़कों की हालत खस्ता है। टूटी सड़कों और अंधेरे के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली-लखनऊ हाईवे, गढ़मुक्तेश्वर-मेरठ हाईवे और अन्य लिंक मार्गों पर लाखों वाहनों का आवागमन होता है, लेकिन अंधेरे में जंगली जानवरों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे लोगों की जान जा रही है। गन्ना सीजन में स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
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संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में गढ़मुक्तेश्वर में तहसील क्षेत्र में अधिकांश सड़क बदहाल स्थिति में है। टूटी सड़क होने के साथ ही लिंक एवं स्टेट हाईवे पर अंधेरा छाया रहता है। इसके कारण कई बार दुर्घटनाओं में लोग घायल होते है तो कई बार जान तक चली जाती है।
गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र से दिल्ली-लखनऊ हाईवे, गढ़मुक्तेश्वर- मेरठ हाईवे तथा गढ़मुक्तेश्वर - स्याना बुलंदशहर हाईवे गुजरता है। यहां से प्रतिदिन लाखों की संख्या में वाहनों का आवागमन होता है।
इसके अतिरिक्त कई लिंक मार्ग भी अति व्यवस्तम मार्ग में गिने जाते हैं। इसमें सिंभावली से हरौड़ा मार्ग, बक्सर से ढाना मार्ग, सिंभावली से दत्तियाना मार्ग पर अति व्यस्तम मार्ग में गिने जाते हैं। इस समय चीनी मिलों का पेराई सत्र चल रहा है। ऐसे में गन्ने के वाहनों का और अधिक दबाव बढ़ जाता है।
वहीं, ऐसे में दिल्ली-लखनऊ हाईवे को छोड़ दिया जाए तो शेष मार्ग पर हर समय अंधेरा छाया रहता है। लोग अपने वाहनों की रोशनी के सहारे ही सफर को तय करते हैं। जबकि गन्ना लेकर जाने वाले भैंसा बुग्गी चालक अथवा साइकिल सवार अंधेरे में सफर करने को मजबूर होते है। कई बार अंधेरे में अचानक जंगली जानवरों नीलगाय अथवा निराश्रित गोवंश के सामने आ जाने से दुर्घटना तक हो जाती है।
इसमें कई बार लोगों की जान तक चली जाती है तो अनेक बार लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। बावजूद इसके इन मार्गो पर रोशनी का कोई प्रबंध नहीं किया जाता है।

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