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    गढ़मुक्तेश्वर में जानलेवा स्तर पर वायु और ध्वनि प्रदूषण, सांस लेना हुआ दूभर; खतरे में जीवन

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 03:09 AM (IST)

    गढ़मुक्तेश्वर में वायु और ध्वनि प्रदूषण जानलेवा स्तर पर है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया है। खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट से दिल के दौरे बढ़ रहे हैं। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और पॉलीथीन का इस्तेमाल जारी है। प्रशासन प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दे रहा है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।

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    गढ़मुक्तेश्वर में वायु और ध्वनि प्रदूषण जानलेवा स्तर पर है।

    जागरण संवाददाता, गढ़मुक्तेश्वर। वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण दिल दहला देने वाले हैं। ज़ख्मों पर नमक छिड़कते हुए, खाने-पीने की चीज़ें भी दूषित हो गई हैं, जिससे दिल के दौरे पड़ रहे हैं। व्यवस्था के ज़िम्मेदार लोग भी सुनने को तैयार नहीं हैं। वायु प्रदूषण इतना ज़्यादा है कि दिन भर धुंध छाई रहती है।

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    सुबह-सुबह खुली हवा में साँस लेना भी मुश्किल हो रहा है। पराली जलाने वाले किसानों के ख़िलाफ़ सख़्त रुख़ अपनाने वाले व्यवस्था के ज़िम्मेदार लोग कूड़ा जलाते नज़र नहीं आ रहे। समाजसेवियों की आवाज़ भी अनसुनी है, और ज्ञापन व ख़बरें भी गायब हैं।

    पेड़ों की अंधाधुंध कटाई 

    पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हरे-भरे पेड़ लगाए जा सकते हैं। एक्सप्रेस-वे और हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ तो काटे गए, लेकिन सड़कों से छायादार पेड़ गायब हो गए हैं। लकड़ी माफिया दिन-रात पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, जबकि व्यवस्था खामोश है।

    पॉलीथीन में आग लगाई जा रही

    प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक दशक बाद भी व्यवस्था पॉलीथीन के इस्तेमाल पर लगाम नहीं लगा पाई है। सुबह की सफाई के दौरान पॉलीथीन की थैलियाँ, कंटेनर, गिलास और कप बड़ी मात्रा में मिलते हैं। इस कचरे को आग लगा दी जा रही है।

    प्रदूषण से बीमारियां

    सीएचसी अधीक्षक डॉ. शशि भूषण ने बताया कि वायु प्रदूषण फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियाँ होती हैं। प्रदूषण के साथ-साथ दूषित भोजन भी दिल के दौरे के मामलों में योगदान दे रहा है।

    बरतें 

    1. पेड़-पौधों को नमीयुक्त रखें और पौधे लगाएँ।
    2. खूब पानी पिएँ।
    3. कचरा जलाने या जलने देने से बचें।
    4. आसपास पानी का छिड़काव करें।
    5. अधिक से अधिक पेड़ लगाएँ और उनकी देखभाल करें।

    अधिकारी का बयान

    बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सख्त रुख अपनाया जा रहा है। कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। पेड़ों की कटाई और मिट्टी खनन पर भी छापेमारी की जा रही है।
    - श्रीराम यादव, एसडीएम