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    प्राइवेट अस्पतालों और लैब में डेंगू के टेस्ट की कीमत की तय, ज्यादा पैसे लेने पर स्वास्थ्य विभाग करेगा कार्रवाई

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 05:21 PM (IST)

    स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और मलेरिया से निपटने के लिए कमर कस ली है। एलाइजा जांच के लिए 600 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है ताकि निजी अस्पताल मरीजों से अधिक पैसे न वसूल सकें। सरकारी अस्पतालों में यह जांच मुफ्त होगी। यदि निजी अस्पताल ज्यादा पैसे लेते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    प्राइवेट अस्पताल व लैब पर एलाइजा जांच के 600 रुपये से ज्यादा लेने पर होगी कार्रवाई।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए अलर्ट है। विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही लार्वा जांच अभियान चलाया जा रहा है।

    डेंगू, मलेरिया व बुखार से बचाव के लिए लोगों को सतर्कता बरतने का सुझाव दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू बुखार की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच करानी आवश्यक है।

    एलाइजा जांच कराने के लिए अधिकारियों ने 600 रुपये शुल्क निर्धारित कर दिए हैं। जिससे प्राइवेट अस्पतालों व लैबों में मरीजों से अधिक रुपये न वसूले जा सकें। 

    पिछले वर्षों में डेंगू व मलेरिया ने जमकर कहर बरपाया है। राहत की बात यह है कि इस वर्ष अब तक दोनों ही बीमारियों के मामले कम ही सामने आए हैं।

    जनवरी से लेकर अब तक डेंगू के अब तक मात्र नौ मरीज मिले हैं। वर्षा शुरू होने से पहले स्वास्थ्य विभाग से इन बीमारियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी।

    डेंगू के सीजन में प्राइवेट चिकित्सक मरीजों की कार्ड से जांच कर उनमें डेंगू की पुष्टि कर देते हैं और उपचार के नाम पर वह मोटी रकम वसूल करते हैं।

    इसके अलावा झोलाछाप भी इस मौसम में बेहद सक्रिय हो जाते हैं। प्राइवेट अस्पताल, लैब या झोलाछाप मरीजों की डेंगू के जांच के नाम पर उनसे मोटी रकम न वसूल सकें, इसके लिए अधिकारियों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

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    जिला मलेरिया अधिकारी सतेंद्र कुमार ने बताया कि यदि मरीज एलाइजा किट के अलावा अन्य तरीके से डेंगू की जांच कराता है तो वह अवैध माना जाएगा।

    प्राइवेट अस्पताल या लैब में यदि मरीजों की एलाइजा जांच कराई जाएगी तो उसके केवल 600 रुपये ही लिए जाएंगे। इसके लिए सभी को निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। इससे अधिक रुपये लेने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    एलाइजा से संबंधित रखना होगा रिकार्ड

    डीएमओ सतेंद्र कुमार ने बताया कि प्राइवेट लैब, अस्पताल व क्लीनिक संचालकों को एलाइजा जांच से संबंधित पूरा रिकार्ड दुरुस्त रखना होगा।

    डेंगू की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर 24 घंटे के अंदर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। जिससे मरीज का समय से उपचार हो सके। यदि किसी भी अस्पताल, लैब या क्लीनिक संचालकों के रिकार्ड में अनियमितता पाई गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    दो से सात दिन तक होता है बुखार

    जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन व पूर्व सीएमएस डा. प्रदीप मित्तल ने बताया कि डेंगू में मरीज को दो से सात दिन तक तेज बुखार होता है।

    इसमें अचानक तेज बुखार के साथ सिर के आगे की ओर तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द, स्वाद का पता न चलना, भूख न लगना, छाती और ऊपरी अंगों पर खसरे जैसे दाने हो जाते हैं।

    इसके अलावा चक्कर आने की समस्या, शरीर में चकत्ते भी हो जाते हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर फिजिशियन से तत्काल संपर्क करना चाहिए।

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