डेंगू से मासूम बच्चे की मौत, पूरे गांव में छाया मातम; परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हापुड़ के काठी खेड़ा गांव में डेंगू से चार साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था। गांव में बुखार और डेंगू के बढ़ते प्रकोप से दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। डीएमओ ने मामले की जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ जिले में बुखार का प्रकोप बढ़ने के साथ-साथ अब जानलेवा भी साबित होना शुरू हो गया है। काठी खेड़ा गांव की रहने वाली चार वर्षीय बच्ची की बृहस्पतिवार को बुखार से मौत हो गई। उसका प्राइवेट अस्पताल में उपचार चल रहा था, वहीं पर ही एनएस-1 (एंटीजन) किट से बच्ची में डेंगू की पुष्टि हुई थी।
वहीं, मौत होने से पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। वहीं बच्ची के स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। डेंगू से जिले में यह पहली मौत बताई जा रही है।
काठी खेड़ा गांव के रहने वाले अमित की चार वर्षीय बेटी अंशिका गौरी को करीब छह दिन पहले बुखार हुआ था। अमित ने बताया कि बुखार होने के बाद उसका उपचार कराना शुरू कर दिया था। उपचार के बाद भी आराम नहीं आया। अचानक तबीयत और अधिक खराब होनी शुरू हो गई।
बताया गया कि सात सितंबर को उन्होंने अपनी पुत्री अंशिका को नगर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद चिकित्सकों ने उसकी डेंगू समेत अन्य कई जांच कराईं। जांच में उनकी पुत्री में डेंगू की पुष्टि हुई। उसके बाद से उनकी पुत्री का अस्पताल में उपचार चल रहा था।
बृहस्पतिवार की सुबह चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि उनकी पुत्री की मौत हो गई है। मौत की सूचना मिलते ही स्वजन में कोहराम मच गया। अमित ने बताया कि उनकी तीन पुत्री व एक पुत्र है। अंशिका तीसरे नंबर की पुत्री थी।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में लगातार तेजी से बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। वर्तमान में स्थिति यह है कि गांव में 70 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं। अब गांव में डेंगू का प्रकोप भी सामने आने लगा है। ऐसे में ग्रामीणों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।
वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में न तो कोई सर्वे किया गया है और न ही कोई दवाई का छिड़काव कराया गया है। जिसके कारण लोगों में रोष भी व्याप्त है।
अस्पतालों में मरीजों की भरमार
जिले में बुखार का प्रकोप इस प्रकार बढ़ रहा है कि शायद कोई ही ऐसा घर बचा हुआ है, जिसमें कोई इससे पीड़ित मरीज न हो। ऐसे में प्राइवेट अस्पतालों से लेकर सरकारी अस्पताल मरीजों से पटे हुए हैं। हालत यह है कि सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित मरीजों से भरे हुए हैं। यही हाल प्राइवेट अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। ऐसे में चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
डेंगू से बचना है जरूरी
- आसपास जलभराव न होने दें।
- हाई प्रोटीन खानपान लें, पानी का अधिक सेवन करें।
- सोने के वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- दिन पूरी बाजू के कपड़े पहने।
- मच्छरों पर अंकुश लगाने के लिए दवाई का छिड़काव करें।
फिलहाल बच्ची की मौत के मामले की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। अस्पताल की ओर से भी इसकी जानकारी नहीं मिली है। मामले की जानकारी कर गांव में सर्वे कराया जाएगा। जिसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। - सतेंद्र कुमार, डीएमओ
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