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    Kalash Chori: दिल्ली से जोधपुर तक के चोरों की पहली पसंद हापुड़ सर्राफा बाजार! सोना गला लगाते हैं फर्जी हॉलमार्क

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 02:03 PM (IST)

    हापुड़ का सर्राफा बाजार चोरी के सोने को गलाने और बंधेल आभूषणों से हेराफेरी के कारण चर्चा में है। यहाँ चोरी का सोना आसानी से उपलब्ध है जिसे भट्टियों में गलाकर नए आभूषण बनाए जाते हैं। बंधेल आभूषणों में मिलावट और नकली होलमार्क से ठगी की जा रही है। पुलिस ने कई छापे मारे हैं और कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं लेकिन यह काला धंधा अभी भी जारी है।

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    चोरी का सोना गलाने का व्यापार, जिले को कर रहा दागदार

    केशव त्यागी, हापुड़। सर्राफा बाजार इन दिनों चोरी के सोने को गलाने, बंधेल आभूषणों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी के मामलों से सुर्खियों में है। यह बाजार, जो कभी अपनी कारीगरी और बंधेल (कम शुद्धता वाले) आभूषणों के लिए प्रसिद्ध था, अब पूरे देश में चोरी के सोने के व्यापार का हाटस्पाट बन चुका है। संकरी गलियों में छिपी भट्टियां, बंधेल के आभूषणों पर फर्जी होलमार्क से ठगी की घटनाएं इस बाजार की साख को दागदार कर रही हैं।

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    कलश को यहीं गलाया गया

    पिछले कई वर्षों में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र समेत विभिन्न प्रदेशों की पुलिस चोरी का सोना खरीदने, उसे गलाने व बंधेल के आभूषणों से धोखाधड़ी करने के मामले में हापुड़ सर्राफा बाजार में छापामार कार्रवाई कर चुकी है। मगर फिर भी यह काला धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली पुलिस ने लाल किला परिसर में एक जैन धार्मिक आयोजन से चुराए गए कलश को यहीं गलाया गया है। इस मामले में वैशाली काॅलोनी के भूषण वर्मा, बृह्मनान के गौरव कुमार वर्मा व जवाहर गंज के अंकित पाटिल को गिरफ्तार किया है।

    चोरी के सोने का काला खेल

    हापुड़ का सर्राफा बाजार चोरी के सोने को खरीदने और गलाने के लिए कुख्यात है। यहां चोरी का सोना कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। व्यापारी इसे संकरी गलियों में लगी भट्टियों में गलाकर नए आभूषणों का रूप दे देते हैं। इन आभूषणों को बेचकर या गिरवी रखकर मोटा मुनाफा कमाया जाता है। बाजार में सैकड़ों दुकानें हैं, जहां सर्राफ की आड़ में यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। चोरी का सोना बाजार भाव से 20-30 कम में मिल जाता है। इसे गलाने के बाद, सोने व बंधेल के आभूषणों में बदल दिया जाता है, जिनकी बिक्री या गिरवी से लाखों का फायदा होता है।

    बंधेल आभूषण, ठगी का बड़ा हथियार

    बंधेल आभूषण हापुड़ की विशेषता हैं, लेकिन इन्हीं के जरिए करोड़ों की ठगी हो रही है। इन आभूषणों में मात्र 30-40 प्रतिशत तक सोना होता है, बाकी पीली धातु (जैसे तांबा या जस्ता) का मिश्रण। बाहरी परत सोने की मोटी होती है, जबकि अंदर सस्ती धातु भरी जाती है। कसौटी (सोने की शुद्धता जांचने वाला पत्थर) पर घिसने से इनकी असलियत आसानी से पता नहीं चलती।

    ठग इन आभूषणों पर फर्जी 22 कैरेट होलमार्क लगवाते हैं। सर्राफ लालच में आकर यह काम कर देते हैं। फिर यह आभूषण बैंकों, फाइनेंस कंपनियों या सूदखोरों के पास गिरवी रखे जाते हैं, जहां से उनकी वास्तविक कीमत से कई गुना ज्यादा ऋण लिया जाता है।

    पिछले वर्षों की प्रमुख घटनाएं

    • 8 जनवरी 2020 : आंध्र प्रदेश के करनूल में 2016-2019 के बीच चोरी हुए लगभग एक करोड़ रुपये के आभूषण हापुड़ में बेचे गए। पुलिस ने छापेमारी कर मजीदपुरा के साबिर, सद्दाम और सुल्तान को गिरफ्तार किया। पूछताछ से पता चला कि चोरी का माल यहीं गलाया और बेचा जाता था।
    • 4 फरवरी 2021: मुंबई पुलिस ने हापुड़ में छापा मारकर गौरव अग्रवाल और अंकुर गोयल को गिरफ्तार किया। यह फर्जी होलमार्क वाले बंधेल आभूषणों से जुड़े थे, जिनसे सावलेश्वर के गंगा ज्वेलर्स से दो करोड़ की ठगी हुई। आरोपितों ने 30-40 प्रतिशत सोने वाले आभूषण गिरवी रखकर धोखा दिया।
    • 31 मार्च 2022 : आंध्र प्रदेश के तिरुपति से चुराए गए डेढ़ किलोग्राम सोने के आभूषण हापुड़ में बेचे गए। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक आरोपित पकड़ा गया, जिसने बाजार में बिक्री की बात कबूली। पुलिस ने एक सर्राफ सहित तीन को हिरासत में लिया था।
    • 27 दिसंबर 2023: राजस्थान के जोधपुर में डकैती से लूटे गए 60 लाख के गहने हापुड़ में मात्र 20 लाख रुपये में खरीदे गए। पुलिस ने पिलखुवा के गांधी बाजार से सर्राफा व्यापारी सचिन कुमार को गिरफ्तार किया।

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