Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हापुड़ में विकास तो हुआ मगर उल्टा, ठेकेदारों की अजीबोगरीब काम से बड़ी आबादी परेशान

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 11:41 PM (IST)

    हापुड़ में नाला निर्माण में लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी जलभराव की समस्या बनी हुई है। असौड़ा स्थित मानसरोवर कॉलोनी में गलत ढलान के कारण नाले से पानी नहीं निकल रहा जिससे घरों में पानी जमा हो रहा है और संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। जिला पंचायत ने जांच कराकर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है।

    Hero Image
    नाला निर्माण में लापरवाही के कारण करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी जलभराव की समस्या बनी हुई है।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। सरकार द्वारा नाला और सड़क निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद निर्माण में व्यापक लापरवाही बरती जा रही है। यही कारण है कि नालों और सड़कों के ढलान की अनदेखी की जा रही है।

    यही कारण है कि ढलान अक्सर उलटे होते हैं और कई बार नालों में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होती। गढ़ रोड पर पहले पांच करोड़ रुपये की लागत से नाला बनाया गया था, लेकिन उसका बहाव उल्टा था। शहर का पानी उसमें नहीं निकल पा रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पानी निकासी की बजाय कॉलोनियों में भर रहा था। नतीजतन, एचपीडीए अब आठ करोड़ रुपये की लागत से नया नाला बनवा रहा है।

    ताजा मामला असौड़ा स्थित मानसरोवर कॉलोनी का है, जहां हाल ही में पानी निकासी के लिए नाला बनाया गया था। कॉलोनीवासी वर्षों से पानी निकासी न होने से परेशान थे, जिससे अक्सर जलभराव होता था। लगातार प्रयासों के बाद जिला पंचायत ने एक साइड नाला बनवाया।

    नियमानुसार, इस नाले के निर्माण के दौरान इंजीनियर देवेंद्र यादव ड्यूटी पर थे और निर्माण सामग्री की लोडिंग और ढलान की देखरेख कर रहे थे। लेकिन हकीकत यह है कि वह मौके पर पहुंचे ही नहीं। नतीजतन, नाले का काम ठेकेदार को सौंप दिया गया।

    ठेकेदार ने भी निर्माण का काम अपने मिस्त्री को सौंप दिया। नतीजतन, नाले का ढलान ठीक से तैयार नहीं किया गया और न ही कोई निकास द्वार बनाया गया। नतीजतन, नाले से पानी नहीं निकल पा रहा है। ढलान उलटने से पानी घरों में जमा हो रहा है।

    कॉलोनी की गलियों में जमा सीवेज मच्छरों और मक्खियों को जन्म दे रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसके बावजूद, अधिकारी इसे गंभीरता से लेने को तैयार नहीं हैं।

    दृश्य एक - गली में भरा गंदा पानी 

    जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण, कॉलोनी की गलियाँ दिन-रात गंदे पानी से भरी रहती हैं। लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। बारिश के दौरान, वे कई घंटों तक अपने घरों में ही कैद रहते हैं। इससे नाले के निर्माण और लाखों रुपये की लागत का मूल उद्देश्य ही खत्म हो जाता है।

    दृश्य दो - नाले में पानी भरा रहता है 

    नाले का ढलान दुर्गम है, जिससे पानी की निकासी नहीं हो पाती। नतीजतन, घरों का पानी नाले में जमा होकर सड़ता रहता है। इससे आसपास के इलाके में दुर्गंध फैलती है, जिससे निवासियों को आने-जाने में परेशानी होती है।

    दृश्य तीन - नाला ओवरफ्लो 

    लगातार जलभराव के कारण नाला ओवरफ्लो हो रहा है, जिससे आस-पास के घरों की जड़ों तक पानी भर गया है। कई फीट गहरा होने के बावजूद, नाले से पानी नहीं निकल पा रहा है। कई बार शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है।

    दृश्य चार - नाले की व्यवस्था नहीं 

    नाले के निर्माण से पहले एक सर्वेक्षण कराया गया था और एक लेआउट तैयार किया गया था। इसके बावजूद, विशेषज्ञों ने जल निकासी की व्यवस्था नहीं की है। नतीजतन, नाले को किनारे पर एक कच्चे नाले में मोड़ दिया गया है, जो कीचड़ से अवरुद्ध है। जिससे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।

    यह हो सकता है समाधान 

    • जिला पंचायत को सर्वेक्षण कर नाले का ढलान ठीक करना होगा।
    • थोड़ा और बजट आवंटित करके, नाले के निकास को मेरठ रोड स्थित मुख्य नाले में मोड़ना होगा।
    • दो-तीन जगहों पर पुलिया बनानी होंगी और नाले को सड़क के दूसरी तरफ़ वाले नाले से जोड़ना होगा।
    • सफाई के बाद, नाले का पानी पास के तालाब में डालना होगा।

    मुझे नाले के ढलान और जल निकासी से जुड़ी किसी भी समस्या या जलभराव की जानकारी नहीं है। अभी तक किसी ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जाँच के लिए एक विशेषज्ञ भेजा जाएगा। ठेकेदार को इसे फिर से बनाने और मरम्मत करने के लिए कहा जाएगा।

    - शिशुपाल शर्मा - एमएनए - जिला पंचायत।