हापुड़ के धौलाना में रजिस्ट्री का काम ठप्प, भारी परेशानी का सामना कर रहे ग्रामीण
धौलाना में रजिस्ट्री कार्यालय को तहसील परिसर से दूर बनाने के विरोध में अधिवक्ताओं ने न्यायिक और डीड राइटिंग कार्य का बहिष्कार किया। उन्होंने कार्यालय के गेट पर ताला लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। वकीलों का कहना है कि प्रशासन जानबूझकर रजिस्ट्री कार्यालय को दूर बना रहा है जिससे ग्रामीणों को असुविधा होगी।

जागरण संवाददाता, धौलाना। रजिस्ट्री कार्यालय तहसील परिसर से दूर बनाए जाने से नाराज धौलाना के सभी अधिवक्ता न्यायिक एवं डीड राइटिंग कार्य से पूरी तरह विरत रहे। इस दौरान डीड राइटर एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया।
अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री कार्यालय के गेट पर ताला जड़कर अपना विरोध जताया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
सिविल क्रिमिनल रेवेन्यू बार एसोसिएशन धौलाना के अध्यक्ष विक्रम तोमर ने बताया कि पिछले 13 वर्षों से रजिस्ट्री कार्यालय अस्थायी व्यवस्था के तहत तहसील परिसर में संचालित हो रहा है। अब अचानक प्रशासन रजिस्ट्री कार्यालय को करीब 7 किलोमीटर दूर खेड़ा या पिलखुवा में स्थापित करने की योजना बना रहा है। जिसका सभी अधिवक्ता एवं डीड राइटर कड़ा विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन जानबूझकर ग्राम न्यायालय कंडोला में और रजिस्ट्री कार्यालय खेड़ा में बनाने पर तुला हुआ है। जिससे सभी को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। रजिस्ट्री कार्यालय दूर होने से तहसील की सीमा पर स्थित सिरोधन, पिपलेहरा, परपा, बीघेपुर आदि गांवों के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
बार एसोसिएशन तहसील धौलाना के सचिव मोहम्मद फहीम ने बताया कि तहसील कार्यालय के पास खसरा संख्या 465 और 417 में ग्राम समाज की काफी जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन को छोड़कर तहसील प्रशासन 7 किलोमीटर दूर रजिस्ट्री कार्यालय बनवा रहा है। सभी अधिवक्ता और डीड राइटर इसका विरोध करेंगे और अनिश्चितकालीन धरना व हड़ताल पर बैठेंगे।
अधिवक्ताओं ने रजिस्ट्री कार्यालय पर ताला जड़कर अपना रोष प्रकट किया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। इस मौके पर विनोद कुमार, संजीव तोमर, अभिषेक तोमर, राजीव शर्मा, अरुण राणा, विकास शर्मा, संजीव सागर, बृजेश राघव आदि मौजूद रहे।
रजिस्ट्री कार्यालय को अभी तक कोई जमीन आवंटित नहीं हुई है। अधिवक्ताओं की मांगों को उच्चाधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा और उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। अधिवक्ताओं द्वारा सुझाई गई जमीन की जांच की जा रही है।
-रेणु सिंह, उप-जिलाधिकारी
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