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    हापुड़ की इस यूनिवर्सिटी पर STF का छापा, मचा हड़कंप, दीवार फांदकर भागने लगे टीचर्स; 4 घंटे तक पूछताछ

    Updated: Thu, 29 May 2025 10:30 PM (IST)

    लखनऊ एसटीएफ ने हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में छापा मारा जहाँ फर्जी डिग्री का मामला सामने आया है। छापेमारी के दौरान रजिस्ट्रार फरार हो गए और कई शिक्षक हिरासत में लिए गए। टीम ने लैपटॉप और रिकॉर्ड जब्त किए। फर्जीवाड़े की जांच अब एसटीएफ करेगी जिससे यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया है।

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    Monad University STF Raid: मोनाड में खड़े एसटीएफ के वाहन।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। एसटीएफ की लखनऊ टीम बृहस्पतिवार दोपहर को पांच कार में मोनाड में पहुंची। टीम को गेट पर प्रवेश देने में सुरक्षाकर्मियों ने आनाकानी की। इस दाैरान एसटीएफ के आने की सूचना अंदर पहुंच गई। इसका फायदा उठाकर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार कर्नल डीपी सिंह फरार हो गए।

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    वहीं प्रबंधन के कई सदस्य दीवार फांदकर भाग गए। इस दौरान टीम ने आठ शिक्षक-शिक्षिकाओं से चार घंटे से ज्यादा पूछताछ की। इनमें से तीन डिग्री जारी करने वाले पटल से संबद्ध हैं। टीम अपने साथ दो लैपटॉप और कुछ रिकॉर्ड ले गई हैं।

    बढ़ता जा रहा है फर्जीवाड़ा 

    मोनाड यूनिवर्सिटी का फर्जीवाड़ा बढ़ता जा रहा है। फर्जी डिग्री जारी होने का मामला एक लाख से ऊपर पहुंच गया है। वहीं कई सौ युवकों के फर्जी डिग्री लेने के बाद सरकारी नौकरी करने की जानकारी जांच टीम को मिली है। इस मामले में यूनिवर्सिटी के मालिक और उसके बेटे सहित 11 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

    अभी दो दर्जन अन्य जांच टीम के रडार पर हैं। फर्जीवाड़े का यह धंधा नौ राज्यों में फैला हुआ है। इस मामले में छापामारी के बाद पिलखुवा खाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। वहीं जांच पिलखुवा पुलिस को करनी थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में ही सामने आया कि डिग्री बेचने का यह खेल बहुत बड़े स्तर पर है।

    अब एसटीएफ करेगी जांच

    पुलिस के डीजी मुख्यालय ने इस जांच को बदल दिया है। अब मोनाड के फर्जी डिग्री बेचने के मामले की जांच एसटीएफ करेगी। अभी तक एसटीएफ जांच में पुलिस का सहयोग कर रही थी। अब इस मामले की जांच एसटीएफ स्वतंत्र रूप से करेगी।

    जांच ट्रांसफर होने के बाद एसटीएफ की टीम बृहस्पतिवार को पहली बार यूनिवर्सिटी में पहुंची थी। इस दौरान यूनिवर्सिटी के सुरक्षाकर्मियों को पूछताछ करने और अंदर से अनुमति लेने के नाम पर काफ देर तक टीम को गेट पर ही रोके रखा। टीम के आने की सूचना प्रबंधन के सदस्यों को मिल गई।

    चार घंटे तक की गई पूछताछ

    एसटीएफ के आने की सूचना मिलते ही मोनाड यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया। रजिस्ट्रार कर्नल डीपी सिंह वहां से फरार हो गए। एसटीएफ की टीम सबसे पहले उनके ही आफिस में पहुंची, लेकिन वह नहीं मिले। सीसीटीवी की जांच से टीम ने पाया कि वह तभी आफिस से गायब हुए हैं। उनकी परिसर के अंदर तलाश भी की गई, लेकिन कोई पता नहीं चल सका।

    इस दौरान प्रबंधन के कई कर्मचारी दीवार फांदकर फरार हाे गए। इस दौरान टीम ने कई शिक्षक-शिक्षिकाओं को हिरासत में ले लिया। इनमें से डिग्री-मार्कशीट जारी करने, प्रवेश देने और डिग्री-मार्कशीट का सत्यापन करने वाले पटल से संबंधित शिक्षक-शिक्षिकाओं को अलग-अलग कक्ष में बैठा लिया।

    उनसे चार घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। कुछ कागजात पर उनके हस्ताक्षर कराए गए। वहीं दो लैपटाप और कुछ रजिस्टर को कब्जे में ले लिया गया। टीम सभी को चेतावनी देकर छोड़ गई है। यूनिवर्सिटी के सूत्रों के अनुसार इनमें से दो शिक्षक सरकारी गवाह बन गए हैं।

    टीम ने छात्रों से भी बातचीत की और उनको गोपनीय जानकारी देने को प्रेरित किया। कुछ छात्रों से अधिकारियों ने बातचीत की, लेकिन उसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई।

    पुलिस मुख्यालय से मोनाड यूनिवर्सिटी मामले की जांच ट्रांसफर कर दी गई है। अब इस मामले को एसटीएफ देखेगी। उसी क्रम में एसटीएफ की टीम आई थी। टीम ने कुछ कागजात लिए और जरूरी पूछताछ की है। किसी व्यक्ति को साथ लेकर नहीं गई है।

    पटनीश कुमार- एसएचओ- पिलखुवा।