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    Holi 2025: जानिए होली पूजन का सही समय, भद्रकाल समाप्त होने के बाद होगा होलिका दहन

    Updated: Wed, 12 Mar 2025 04:12 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जानने के लिए ज्योतिषियों ने बैठक की। पंडित केसी पांडेय का कहना है कि पूर्णिमा 13 मार्च गुरुवार को सुबह 1036 से पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र व साध्य योग में पृथ्वी लोक की अशुभ भद्रा के साथ शुरू हो रही है। उन्होंने भद्राकाल में होलिका दहन को अनिष्टकारी बताया है। जानिए कब है होलिका दहन का सही समय और पूजा विधि।

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    हापुड़ में पूजन एवं दहन के समय को लेकर चर्चा की गई। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर। होलिका दहन एवं पूजन को लेकर ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों ने एक बैठक का आयोजन किया। इसमें पूजन एवं दहन के समय को लेकर चर्चा की गई।

    दोपहर 12:24 तक उत्तरा भाद्रपद के साथ रहेगा

    भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा अध्यक्ष ज्योतिर्विद पंडित केसी पांडेय ने बताया कि पूर्णिमा 13 मार्च गुरुवार को सुबह 10:36 से पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र व साध्य योग में पृथ्वी लोक की अशुभ भद्रा के साथ शुरू हो रही है। भद्रा रात्रि 11:27 तक रहेगी और पूर्णिमा 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर 12:24 तक उत्तरा भाद्रपद के साथ रहेगा।

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    भद्राकाल में होलिका दहन होता है अनिष्टकारक 

    निर्णयसिंधु धर्मग्रंथ में निर्णयामृत एवं ज्योतिर्निबंध के अनुसार, फाल्गुन मास में प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा ही होलिका है। भद्राकाल में होलिका दहन अनिष्टकारक होता है शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है कि श्रावणी में भद्रा राजा का नाश और फाल्गुनी में नगर व राष्ट्र का नाश करती है।

    13 मार्च की रात्रि ही किया जाएगा होलिका दहन

    अतः भद्रा समाप्ति के बाद 13 मार्च की रात्रि ही होलिका दहन किया जाएगा। स्नान, दान की पूर्णिमा 14 मार्च को रहेगी। होलिका पूजन 13 मार्च को पूर्णिमा लगने के बाद सुबह 10:58 से दोपहर 1:57 तक और दोपहर बाद 3:27 से सायं 6:25 तक किया जा सकता है।

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    होलिका पूजन में उपले, नारियल, पान, सुपारी, अक्षत, जल, बतासा धूप, गंध, चना के साथ मिष्ठान चढ़ाना चाहिए साथ ही ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र जप करना चाहिए। इसके अतिरिक्त 14 मार्च को सुबह सिंह राशि में लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान न होने के कारण कोई सुतक मान्य नहीं होगा। इस अवधि में स्नान, दान, मंत्र जप विशेष फलदायक रहेगा।

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    14 मार्च को सायं 6:50 बजे सूर्य के मीन राशि में जाने से एक महीने तक खरमास रहेगा। अतः सभी मांगलिक कार्य इस अवधि में वर्जित होंगे। अतः अब हिंदू नववर्ष का पहला विवाह मुहूर्त 16 अप्रैल से शुरु होगा।

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