बेहतर रैंकिंग के लिए फर्जीवाड़ा, यूपी के इन जिलों में E-Gram पोर्टल पर फेक भुगतान 'वाउचर' अपलोड
उत्तर प्रदेश में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर फर्जी पेमेंट वाउचर अपलोड करने का मामला सामने आया है। बेहतर रैंकिंग पाने के लिए ऐसा किया जा रहा था। निदेशालय ने इस पर नाराजगी जताई है और भविष्य में ऐसे मामले सामने आने पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग की धनराशि के व्यय से जुड़ा है।

जागरण संवाददाता, हरदोई। सीएम डैश बोर्ड पर केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग की धनराशि के व्यय की मासिक प्रगति बढ़ाने के लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर फेक पेमेंट बाउचर अपलोड किए जा रहे हैं और रैंकिंग जारी होते ही यह वाउचर डिलीट कर दिए जाते हैं।
जनपद सहित कई जिलों में यह स्थिति पाए जाने पर निदेशालय स्तर से नाराजगी व्यक्त की गई। निदेशक ने भविष्य में इस तरह के प्रकरण सामने आते ही संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कराने के निर्देश दिए हैं।
पंचायती राज निदेशक अमित कुमार सिंह ने पंचायती राज अधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश दिए कि केंद्रीय व राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के तहत त्रिस्तरीय पंचायतों को धनराशि भेजी जा रही है। इस धनराशि से कराए जाने वाले विकास कार्यों के सापेक्ष व्यय व धनराशि का अनुश्रवण ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से किया जाता है।
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर सीएम डैशबोर्ड पोर्टल पर योजनावार जनपद की रैंकिंग का निर्धारण होता है, इसकी समीक्षा मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद कई जिलों से बेहतर रैंकिंग पाने के चक्कर में ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर पेमेंट के फेक वाउचर लगाए जा रहे हैं। रैंकिंग जारी होते ही इन वाउचरों को डिलीट कर दिया जाता है।
समीक्षा के दौरान जिलों से कुछ ऐसे ही उदाहरण सामने आए हैं, जिस पर आपत्ति दर्ज की गई है। निदेशक ने डीपीआरओ को निर्देश दिए कि इस तरह के उदाहरण जिले में पाए जाते ही कठोर कार्रवाई करें व निदेशालय को भी अवगत कराया जाए।
डीपीआरओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि कुछ शिकायतें जिले की आईं थीं, जिनके वाउचरों को डिलीट कराया गया व सख्त निर्देश दिए गए कि भविष्य में इस तरह की कोताही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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