Dhan Khareed: कई दिनों के इंतजार के बाद भी नहीं हो रही धान की तौल, लौटाए जा रहे किसान
हरदोई में किसान धान की तौल न होने से परेशान हैं। सरकारी क्रय केंद्रों पर मनमानी के चलते किसानों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। मानक के अनुरूप ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हरदोई। किसानों को उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए जिला प्रशासन भले ही टोकन प्रणाली से समयबद्ध तौल का दावा करे, लेकिन धरातल पर हालात बिल्कुल उलट हैं।
जनपद के अधिकांश सरकारी क्रय केंद्रों पर प्रभारियों की मनमानी हावी है। किसान अपनी ट्रालियों में धान लेकर कई-कई दिनों तक मंडी में डेरा डाले बैठे हैं, लेकिन उनकी तौल नहीं हो रही है। किसानों को मानक विहीन धान बताकर उन्हें लौटाया जा रहा है। वहीं तौल के लिए कई किसानों को जुगाड़ और सिफारिश का सहारा लेना पड़ रहा है।
हरदोई, शाहाबाद, माधौगंज, संडीला मंडी समिति के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के धान खरीद केंद्रों पर स्थिति एक जैसी ही है। शाहाबाद मंडी परिसर में धान से लदी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर आए किसान रामप्रताप, राजेश, सत्यम और श्याम सिंह ने बताया कि वह कई दिनों से मंडी में रुके हैं, लेकिन अब तक धान की तौल नहीं हुई। आज-कल का आश्वासन मिल रहा है। अंत में धान की कमी बताकर वापस कर दिया जाता है।
हरदोई मंडी के क्रय केंद्रों पर भी ऐसा ही हाल है। सभी केंद्रों के चबूतरे और उसके सामने हजारों क्विंटल धान डंप है। तौल करने की जगह तक नहीं बची है।
प्रभारी किसानों को धान का उठान न होने की बजह बताकर लौटा रहे हैं। किसानों का कहना है कि कई दिनों बाद भी धान की तौल नहीं हो पाती। मानक के अनुरूप धान न होने, कागजों की कमी बताकर किसानों को लौटाया जा रहा है। हालांकि जुगाड़ और सिफारिश के बाद ही किसानों का धान तौला जा रहा है।
औने-पौने दामों पर उपज बेचने को मजबूर किसान
प्रदेश सरकार ने किसानों को उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इसके अलावा किसानों को उतराई व छनाई के 20 रुपये प्रति क्विंटल अलग से दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद किसान आढ़तियों के यहां 1,700 रुपये प्रति क्विंंटल धान बेचने को मजबूर हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
31 केंद्र और खोलने की मिली मंजूरी
हरदोई : एक अक्टूबर से सरकारी धान खरीद की शुरुआत हुई है। धान खरीद की रफ्तार सुस्त होने के चलते शासन ने क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने को निर्देशित किया गया था। जिला प्रशासन की ओर से 31 क्रय केंद्र और खोलने की मंजूरी दे दी है। इससे धान क्रय केंद्रों की संख्या 128 पहुंच गई है। इससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।
11 दिनों से शाहाबाद मंडी में धान की तौल कराने के लिए खड़े हैं, लेकिन उनकी तौल नहीं हुई है। अब धान काला बताकर वापस कर दिया गया है, जिससे वह काफी परेशान है।
- सत्यम, पुरवा पिपरिया
धान की तौल कराने के लिए नौ दिन पहले आए थे। ट्रैक्टर-ट्राली का किराया नियमित रूप से पड़ रहा है। आज और कल का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन उनकी तौल नहीं की जा रही है।
- रामप्रताप, पिपरिया
कई दिनों से क्रय केंद्र पर खड़े होने के बाद आज बायोमीट्रिक के लिए कहा गया। बायोमीट्रिक कराने के आंख पर मशीन लगाई गई, लेकिन उनकी बायोमीट्रिक नहीं हुई, तो आधार अपडेट कराने के लिए कहा गया है, जिसमें 10 दिनों का समय लेगा।
- राजेश, नगला
50 क्विंटल धान है। शाहाबाद मंडी में धान से भरी ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खड़े हैं, लेकिन उनका धान नहीं तौला गया। उनका धान नहीं तौला जा रहा है, जबकि जुगाड़ और सिफारिश वाली ट्रालियों का धान तौला जा रहा है।
- श्याम सिंह, पुरवापिपरिया
सरकारी धान खरीद केंद्रों पर टोकन व्यवस्था लागू की गई है, जिस दिन का टोकन होता है। उसी दिन धान की तौल कराने के निर्देश है। अगर कहीं पर कोई समस्या आ रही है, उसका निराकरण कराया जाएगा। लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- निहारिका, डिप्टी आरएमओ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।