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    15 साल से फर्जी कागजों पर करता रहा नौकरी, शिक्षक के दस्तावेज की हुई जांच तो दंग रह गए अधिकारी

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:07 AM (IST)

    हरदोई में, सुरसा के प्राथमिक विद्यालय ललौली के एक सहायक अध्यापक को फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते हुए पाया गया। लोकायुक्त में शिकायत के बाद जांच में दस्तावेज फर्जी पाए गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ वेतन की वसूली के लिए राजस्व विभाग को निर्देश दिए हैं। शिक्षक 2016 में कानपुर देहात से स्थानांतरित होकर आया था।

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    जागरण संवाददाता, हरदोई। फर्जी कागजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर बड़ी संख्या में कार्रवाई हो चुकी है, उसके बाद भी कोई न कोई निकल आ रहा है। अब सुरसा के प्राथमिक विद्यालय ललौली के सहायक अध्यापक को फर्जी शैक्षिक अभिलेखों पर नौकरी करते मिले।

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    उनकी नियुक्ति तो कानपुर देहात में हुई थी, लेकिन वहां से स्थानांतरित होकर आए थे। लोकायुक्त में हुई शिकायत की जांच में अभिलेख फर्जी मिले। बीएसए ने उन्हें बर्खास्त कर शिक्षक के खिलाफ विधिक कार्रवाई के साथ देयकों की वसूली राजस्व विभाग से कराने के निर्देश दिए गए हैं।

    बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने विकास खंड सुरसा के प्राथमिक विद्यालय ललौली में तैनात सहायक अध्यापक सूरज पाल को बर्खास्त कर दिया। बीएसए ने बताया कि सूरजपाल की कानपुर देहात (उस समय रमाबाई नगर) में 30 दिसंबर 2010 को प्राथमिक विद्यालय रसूलाबाद में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी।

    शिक्षक 30 अगस्त 2016 को कानपुर देहात से स्थानांतरित होकर जनपद जनपद आए थे, जिस पर उनकी 10 सितंबर 2016 को विकास खंड सुरसा के प्राथमिक विद्यालय ललौली में सहायक अध्यापक पद पर तैनाती की गई थी। शिक्षक के खिलाफ 14 जुलाई 2025 को लोकायुक्त से शिकायत की गई थी, कि उनके शैक्षिक अभिलेख फर्जी हैं।

    जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी ब्रजेश त्रिपाठी से लखनऊ विश्वविद्यालय भेजकर अभिलेखों की जांच कराई गई। लखनऊ विश्व विद्यालय के परीक्षा नियंत्रक की ओर से बताया गया कि सूरज पाल ने स्नातक व बीएड में जिन अनुक्रमांक व वर्ष का जिक्र किया है, वह उनके नाम पर आवंटित नहीं है।

    फर्जी अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति पाने पर शिक्षक सूरज पाल को बर्खास्त कर दिया गया और उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। इसके साथ शिक्षक की ओर से विभाग से लिए गए वेतन व अन्य देयकों की वसूली के लिए राजस्व विभाग को लिखा जाएगा।